1-डॉ.पूर्वा शर्मा
1
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ चमत्कार
2
बड़े दिनों
बाद आया ऐसा इतवार
साथ बैठा रहा दिनभर पूरा परिवार,
सन्नाटे छाए
गली-शहर
मौन हुए शामो-सहर,
दूरियाँ ही
अब तो रास आए
कोरोना भगाने
का यही उपाय ।
3
जाति-धर्म, प्रांत-देश
भेदभाव कुछ नहीं मानता
समदृष्टि की भावना से
यह सभी को देखता
तुम भूल कोई करो ना
यह है निर्दय कोरोना ।
4
याद नहीं
क्या करते थे कुछ दिनों पहले तक हम
अब कोरोना के
चर्चे ही करते रहते हैं सब हम,
ध्यान तो बस
जा रहा बार-बार इन्टरनेट की ओर
चिंतित होकर
देख रहे बस पल-पल कोरोना-स्कोर,
कौन-सा देश, कितने
आँकड़ों को किए जा रहा पार
इसे देख उठ रहे हैं मन में अनेक
प्रश्न बारम्बार,
कैसे हल होगा
ये मसला इसका उपाय सब जान लो
पहली बार
मिला है मौका, इसको अब पहचान लो,
बिना कुछ किए, घर बैठे ही बचा लो अपने देश को
बिना छुए तुम
दूर भगा दो अहंकारी इस वायरस को ।
-0-
2-पूनम सैनी
रोज किस्से सुनाने से क्या फायदा
देख ये भी तमाशा गुज़र जाएँगे ।
हो गए लब कही बंद तो देखना
कुछ इधर जाएँगे कुछ उधर जाएँगे ।
कोई गिरता है,गिर के गिरा ही रहा
कोई उठ-उठके चलता सदा ही रहा
तेरे बिन स्वप्न तेरे किधर जाएँगे
लो सँभालो इन्हें वरना फिर देखना
कुछ बिखर जाएँगे,कुछ गुज़र जाएँगे ।
बीते लम्हों पे रोने से क्या फायदा
वक्त रो-रोके खोने से क्या फायदा
वक्त मरहम जख्म सारे भर जाएँगे ।
वक्त के पंख ख्वाबों को दे दे ज़रा
कुछ निखर जाएँगे,कुछ सँवर जाएँगे।
-0-
अतिसुन्दर सामयिक कविताएँ पूर्वा जी!
ReplyDeleteसुंदर कविता पूनम जी!
आप दोनों को हार्दिक बधाई!
~सादर
अनिता ललित
समसामयिक,सुंदर कविताएँ ।पूर्वा जी,पूनम जी हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत दिन बाद आया ऐसा इतवार...बहुत खूब पूर्वा जी!
ReplyDeleteआपको और पूनम जी को सुंदर सृजन हेतु बधाई।
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteघर मे ही रहिए, स्वस्थ रहें।
कोरोना से बचें।
भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
पूर्वा जी एवं पूनम जी बहुत सुन्दर रचनाएँ आप दोनों की।हार्दिक बधाई स्वीकारें ।
ReplyDeleteहृदय से आभार आप सभी का
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचनाएँ...पूर्वा जी, पूनम जी बहुत बधाई।
ReplyDeleteपूर्वा जी और पूनम जी दोनों की रचनाएं सामयिक हैं ...हार्दिक बधाई |
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ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचनाएँ...पूर्वा जी,पूनम जी..बहुत--बहुत बधाई !