पथ के साथी

Thursday, October 11, 2018

851-मन -जीवन


1-मन -जीवन
भावना सक्सैना

देह और मन का संघर्ष है बरसों से
कि दोनों ही अकसर साथ नहीं होते
देह जीती है अपने वर और शाप
कभी समतल धरती पर तो कभी
उबड़-खाबड़ घने गहरे जंगल में
और मन बुनता है घोंसला आकाश में
वह जीता है अकसर कल में
सपनों में, पुरानी डायरियों के पन्नों में
और कभी बैठ जाता है
दहकते ज्वालामुखी के मुहाने पर
फूँकता है उसमें शीतलता
कभी शांत हो जाती है ज्वाला
तो कभी राख हो जाता है मन।
जहाँ देह होती है
अकसर मन नहीं होता
यह जानते  हुए कि
कहीं होकर भी न होना
समय को खो देना है
मन बैठा रहता है
ऊँचे वृक्ष की फुनगी पर
वृक्ष के फलों से सरोकार नहीं
वह देखता है दूर तलक
सपने सुनहरे नए कल के।
देह जब अर्जित कर रही होती है
रेखांकन : रमेश गौतम 
अपने अनुभव और ज़ख्म सुख के
मन गुनगुनाता है
गीत किसी और क्षण के
किंतु शापित है मन
युगो-युगों से फिर-फिर
वही दोहराता आया है
उम्र भर देह से  रहकर जुदा
देह के बाद न रह पाया है
लाता है नियति एक ही
चलती नहीं किसी की जिस पर
मन जो रहता नहीं देह का होकर
खत्म हो जाता है देह संग जलकर।
फिर भी मन असीम अनंत
नन्ही चिड़िया- सा सँभालो इसे
कि जब टूटता है मन
देह में प्राण रहें ,न रहें
रह जाता नहीं उसमें जीवन।
-०-
2 -दोहे-
रेनू कुमारी
1
उसके आनन की चमक,जैसे खिलती धूप।
काली अलकों की घटा,सदा निखारे  रूप।।
2
फूलों से सजती शिखा,नैनन कजरा धार।
चंचल है वह रूपसी,करती दिल पर वार।।
3
मलयज -सी खुशबू  भरे ,सुन्दरता के गीत।
सहनशीलता प्रेम हैं, उसके सच्चे मीत।।
4
हाथों में कंगन सजा,पायल की झनकार।
करती हैं शृंगार जब,उर में  उमड़े  प्यार।।
5
वसुधा का शृंगार है, हरियाली चहुँ ओर।
मोर पपीहा मस्त हैं, पंछी  करते शोर।।
-०-

9 comments:

  1. बहुत ख़ूब बहुत सारी बधाई

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  2. भावना जी, बहुत बड़ा सच है ये जो आपने इन पंक्तियों में व्यक्त कर दिया है, बहुत बधाई...|
    दोहे भी बहुत पसंद आए...हार्दिक बधाई...|

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  3. डॉ. भावना जी, प्रियंका जी उत्साहर्धक टिप्पणियों के लिए हृदय से आभार।
    रेनु कुमारी जी सुंदर दोहे, मलयज सी खुशबू...उम्दा।

    रचना को यहाँ स्थान देकर प्रोत्साहित करने के लिए आदरणीय काम्बोज भैया का बहुत बहुत आभार।

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  4. सत्य कहा भावना ।बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति बधाई

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  5. बहुत सुंदर दोहे रेनू कुमारी ।बधाई

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  6. सुन्दर , सरस रचनाएँ , दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई !

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  7. भावना जी एवं रेनू जी को बहुत-बहुत बधाई ....

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  8. भावना जी तथा रेनू जी को बहुत-बहुत बधाई।

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  9. अति सुन्दर रचनाएँ !
    भावना जी तथा रेनू जी को हृदय -तल से बधाई!!

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