हम सबकी ओर से आदरणीय डॉ अरुण जी को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएँ !
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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आज जन्म दिवस पर प्रभु को समर्पित यह भाव-गीत आप सबको भी इस कामना से अर्पित है कि जीवन के 75 ग्रीष्म,शरद, और पावस देखकर आज 76वें वर्ष में प्रवेश करूँ ,तो आप सबकी अनंत मंगल कामनाओं का वरदान मेरे साथ हो,जिससे जीवन के शेष समय को सार्थक बना सकूँ। आज उन सभी से हार्दिक क्षमा चाहता हूँ,जिन्हें मेरे कारण जाने या अनजाने कोई कष्ट हुआ हो।
आपका अपना,
डॉ ‘अरुण’
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तुम्हे समर्पित है यह जीवन
मेरे प्रभु!लो शरण में मुझको,
तुम्हे समर्पित है यह जीवन।
जब आया था मैं इस जग में,
चादर तुम ने ही दी थी पावन।
इसके बल पर सहन किए हैं,
धूप-छाँव,पतझर अरु सावन।।
खूब प्रसन्न हुआ हूँ भगवन,
जब भी आए खुशियों के घन।
जग में रह कर खूब किए हैं,
राग-द्वेष के नाटक निसिदिन।
कभी अहम ने घेरा मुझ को,
कभी विनय में बीते पलछिन।।
जब भी तन को तृप्ति मिली,
चहक उठा था यह मेरा मन।
चादर में हैं दाग प्रभु। अब,
आना है अब पास तुम्हारे।
कुछ ऐसा कर देना प्रभु जी,
पा जाऊँ मैं चरण तुम्हारे।।
सब कुछ तुमने दिया मुझे नित,
तुम्हे समर्पित हैं तन,मन,धन।
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डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’
पूर्व प्राचार्य,74/3,न्यू नेहरू नगर,
रुड़की-247667
प्रिय भाई रामेश्वरजी,किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करूँ,समझ नहीं पाता हूँ। आपका यह स्नेह मुझे वरदान रूप में ही मिला है। प्रभु आपको यश दें,सदा सुखी रक्खें।
ReplyDeleteप्रिय भाई रामेश्वरजी,किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करूँ,समझ नहीं पाता हूँ। आपका यह स्नेह मुझे वरदान रूप में ही मिला है। प्रभु आपको यश दें,सदा सुखी रक्खें।
ReplyDeleteसम्मान्य डा.अरुण जी को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई एवम शुभकामनायें।गीत के रूप में उनकी सह्ज भावाभिव्यक्ति मन को छू गई।ईश्वर करें वे स्वस्थ एवम सानन्द रहकर दीर्घकाल तक मां शारदा के भन्डार में अभिवृद्धि करते रहें।
ReplyDeleteडा.अरुण जी को उनके जन्मदिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ,ईश्वर उनको स्वस्थ एवं सुखी दीर्घायु दे, आपके द्वारा लिखा तन,मन,धन समर्पित करता गीत आपके पवित्र-निश्छल मन के प्रेरणाप्रद उद्गार हैं जिसे पढ़ कर अहंकारशून्य हो ईश्वराभिमुख होने की प्रेरणा मिल रही है|जन्मदिन की पुन:अशेष शुभकामनाएँ |
ReplyDeleteपुष्पा मेहरा
अत्यन्त पावन, भावपूर्ण एवं मोहक प्रस्तुति!
ReplyDeleteआदरणीय डॉ अरुण जी को जन्मदिवस की अशेष शुभकामनाएँ ! ईश्वर आपको स्वस्थ एवं सुखमय दीर्घायु प्रदान करे!
~सादर
अनिता ललित
आदरणीय डॉ. अरुण जी अनंत अनंत शुभकामनायें जन्मदिन पर ।स्वस्थ्य पूर्वक दीर्घ जीवन का आनंद लेते हुये ऐसी उच्च कोटि की रचनायों से हिंदी साहित्य का भंडार भरते रहें ।
ReplyDeleteअति सुन्दर भावपूर्ण रचना!
ReplyDeleteआदरणीय डा० अरुण जी को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएँ!
आदरणीय अरुण जी
ReplyDeleteस्नेह सिंचन जन्मदिन की शुभकामनाएं ,
जीवेत शरदः शतम का लगे मंत्र प्यारा .
आदरणीय डॉ अरुण जी को जन्मदिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं ,सुन्दर रचना के लिए बधाई ह्रदय के अंदर से निकले भाव हैं ।
ReplyDeleteसर्वप्रथम आदरणीय अरुण सर जी आपको जन्मदिन की ढेरों बधाइयां व् नमन आपकी लेखनी को जो अध्यन के साथ -साथ साहित्य सेवा में प्रेरणादायक है और रहेगी , जीवन के बीते पलों को आने वाले पलों के साथ संजोती आपकी रचना प्रखर है आपको सादर साधुवाद |
ReplyDeleteबहुत ही खुब्सुरत शब्दों में मन के भावो को प्रकट किया है आपने ।����
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण
ReplyDeleteअति सुन्दर भावपूर्ण रचना!
ReplyDeleteजग में रह कर खूब किए हैं,
राग-द्वेष के नाटक निसिदिन।
कभी अहम ने घेरा मुझ को,
कभी विनय में बीते पलछिन।।
जन्मदिन की शुभकामनाएँ ....
हृदय से निकले भावों को नमन !!!