आमीन! बहुत सुंदर दुआओं में लिपटा मुक्तक। निःस्वार्थ भाव से की गयी दुआएँ कभी खाली नहीं जातीं। हिमांशु भैया जी... इस सुंदर मुक्तक के सृजन के लिए आपको हार्दिक बधाई।
nishkalush hriday se nikali dua is dharati ko akasmik prakopon se bachaye taki hamare ghar bhi suraxit rahen .usaki kripa ham sab par sada bani rahe.kamna ke sath sunder prathana sanjoye muktak likhnne hetu bhai ji apko badhai. pushpa mehra
Ameen !....duayen kabhi khaali nahin jaatee,badi shakti hoti hai in mein...bahut sunder muktak !.......himanshu ji ,aapko badhaiyon ke saath -saath duayen bhi .
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteBahut sundar prarthana !
ReplyDeleteईश से यह दुआ पूरे संसार रुपी घर की सुरक्षा और मंगल के लिए है | आज जो प्रकृति का प्रकोप है , बस सब की दुआ ही प्रभु सुने | साधुवाद |
ReplyDeleteशशि पाधा
दिल से निकले उदगार हैं. आपको उस घर के लिए जिसके लिए दुआएं मांगी हैं और सुन्दर मुक्तक के लिए बधाई . साभिवादन. -सुरेन्द्र वर्मा
ReplyDeleteअत्यंत सहज भाव से की गई यह दुआ ज़रूर क़ुबूल हो.... आमीन !
ReplyDeletebahut sundar praarthana . sarvshaktimaan kii dayaa ke sada paatr rahein sabhi . vipat hare mangal karein prabhu .
ReplyDeleteudaatt bhaavon se paripoorn sundar muktak !
saadar
jyotsna sharma
आमीन!
ReplyDeleteबहुत सुंदर दुआओं में लिपटा मुक्तक। निःस्वार्थ भाव से की गयी दुआएँ कभी खाली नहीं जातीं।
हिमांशु भैया जी... इस सुंदर मुक्तक के सृजन के लिए आपको हार्दिक बधाई।
~सादर
अनिता ललित
nishkalush hriday se nikali dua is dharati ko akasmik prakopon se bachaye taki hamare ghar bhi suraxit rahen .usaki kripa ham sab par sada bani rahe.kamna ke sath sunder prathana sanjoye muktak likhnne hetu bhai ji apko badhai.
ReplyDeletepushpa mehra
बहुत सुन्दर प्रार्थना और रचना!
ReplyDeleteईश्वर करे ऐसा ही हो!
काम्बोज सर अभिनन्दन!
आपके इस असीम स्नेह और प्रोत्साहन के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ ।
ReplyDelete-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
बहुत सुन्दर प्रार्थना...ईश्वर आपकी दुआ कबूल करें। ऊपर वाले की कृपा दृष्टी हम सब पर बनी रहे।
ReplyDeleteसुन्दर मुक्तक के लिए हार्दिक बधाई भाईसाहब।
भाई काम्बोज जी बहुत आशावादी व सकारात्मक मुक्तक बधाई ,सहज साहित्य के सभी अंक सृजनात्मक प्रतिवद्धता के आदर्श उदाहरण हैं आपकी इस शब्द निष्ठां को प्रणाम
ReplyDeleteसबसे पहले तो आमीन...!
ReplyDeleteबहुत ओजपूर्ण मुक्तक है...बहुत बधाई...|