1-नमिता राकेश
महकें सदा
चाहत के फूल
सदाबहार
तुम्हें ही सोचूँ
तुम्हें ही देखूँ हरसू
फिर भी तन्हा
आँखों में तुम
निहारूँ क्षितिज को
तुम्हारे साथ ।
-0-
2-सुनीता
अग्रवाल
नमकीन
सिन्धु
है कितना
मीठा
पूछो
सरिता से
उसने चखा
है ।
2
फूल
-तितली
अम्बर
-धरा
सागर
-नदी
सृष्टि
के आरंभ से
बंधे है
प्रीत की डोर
बिना
अनुबंध ।
-0-
गीत कोई ग़ज़ल
छंद ,काव्य ,महाकाव्य
कोई
लिखता खुदा
प्रिया ,जानू, दिलरुबा
कोई
लिखता अश्क
बेवफा,
रक्कासा, बेरहम
हमने प्रीत के सजदे
सर
झुकाकर
लिखा
दिया है
मौन !!!
-0-
बहुत सुन्दर हैं 'चाहत के फूल' ...यूँ ही महकें ..बधाई ..
ReplyDeleteशुभ कामनाएँ नमिता राकेश जी !
नमकीन सिन्धु और मीठी सरिता का अमर प्रेम ...
वाकई कोई तो वजह होगी ! अनुपम !!...हार्दिक बधाई सुनीता जी |
सुंदर प्रेम-कविताएँ …
ReplyDeleteबधाई नमिता जी, सुनीता जी !
~सादर
अनिता ललित
इस पोस्ट की रचनाएं बहुत ही अच्छी हैं।
ReplyDeleteभैया जी मेरी राच्घ्नाओ को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार ...
ReplyDeleteनमिता जी दोनों रचनाये उम्दा :) उत्साह वर्धन करने वाले सभी गुनीजनो का दिल से आभार :)
सुंदर प्रेम-कविताएँ …
ReplyDeleteachhi lagi rachnayen hardik badhai...
ReplyDeleteaap sabhi ka aabhaar .....Dr Bhawna, Priyanka Gupta, Sanjay Bhaskar ji, kehkashaN, Anita Lalit ji,Pratibha ji ka dhanywwad....Sunita ji sundar abhivyakti....Jyoti kalash ji ..aabhaar...naman
ReplyDeletesabse pehle is post ka reply itni der se dene k liye kshamaa praarthii hun......aapne meri rachna ko charcha ank me sthaan diya ,is k liye maiN hradey se aapki aabhaari hun....krapya link bhej den taaki padh sakun..maine Charcha ank khola par 1898 ank nahi dikha..krapya iska hal bataeyn ...sadar Namita Rakesh
ReplyDeletemaanyvar, maine Charcha ank ki aaj ki post par comment likha par post ka option klik karne par bhi post nahi hua..krapya bataeyn
ReplyDelete