ज्योत्स्ना प्रदीप
तुमने कभी
जीवन जिया होता
राम -कृष्ण -सा
पर -अश्रु का पेय
तो पिया होता
नानक,बुद्ध जैसे
रखते धीर ,
बनते महावीर।
सत्य है अब हास -
हरिश्चन्द्र को ,
कहावत में ढाले
चाणक्य जैसे
कौन युग सँभाले?
विवेकानंद
टैगोर- अम्बेडकर
गाँधी -नेहरू
के वे महान् विचार
मन उतारें।
वीर मंगल -पांडे,
लौहपुरुष,
भगत ,सुखदेव ,
राजगुरु की
कहाँ गई दहाड़?
पृथ्वी -शिवाजी-
ब्रह्म-रन्ध्र भेदती
सिंह- हुंकार! ।
आज का नर बना
बड़ा संकीर्ण
सत्कर्मों में है क्षीण,
अपनों से ही
महाप्रलय-पाप !
समझो अब
जीवन का वो
मर्म
छोडो दुष्कर्म -
देखो!भारत -माता
माँग रही है-
शुद्ध -सुख -उत्थान
पुन: देश- निर्माण।
-0-
सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteगणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपको...।
अति सुंदर रचना
ReplyDeleteमहापुरुषों के अनुकरणीय चरित्र का स्मरण कराता बहुत सुन्दर चोका |
ReplyDeleteसुन्दर ,प्रेरक प्रस्तुति के लिए कवयित्री को बहुत-बहुत बधाई ...सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ !!
बहुत भावपूर्ण चोका। आप को हार्दिक बधाई
ReplyDeletedesh ke liye kam-bhumi par nyochhavar hone vale shaheedon ki yad dilate, mehra desh ke ujjval bhavishya ki kamna karata choka bahut sunder hai. jyotsna ji apako badhai.
ReplyDeletepushpa mehra.
desh ke liye karm -bhuumi per nyochhavar hone vale veer shahidon ki yad dilata, desh ke ujjval bhvishya ki kamana karata choka bahut achha likha hai .
ReplyDeletepushpa mehra.
प्रेरक भाव से परिपूर्ण चोका. निःसंदेह ऐसे महापुरुषों से सीख ले कर जीवन में उतारने की ज़रूरत है. सुन्दर चोका के लिए बधाई.
ReplyDeleteअति सुन्दर चोका.... बहुत बधाई।
ReplyDeletehimanshu ji ka bahut -bahut abhaar yahan sthaan dene ke liye...saath hi aap sabhi ka utsaahvardhan ke liye...... apni pyari tippaniyon ke dvara.
ReplyDeletehardik badhai...
ReplyDeleteसुन्दर, भावपूर्ण और प्रेरक...हार्दिक बधाई...|
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