डॉ० कविता भट्ट
प्रिय! यदि तुम पास होते!
अगणित आशा–पत्रों से लदा,
प्रफुल्ल कल्पतरु जीवन सदा,
पतझर भी सुवासित मधुमास होते,
प्रिय! यदि तुम पास होते!
झर–झर प्रेम बरखा बरसती,
बूँद– बूँद न कोंपल तरसती,
झूमती असंख्य मृदुल
कलियाँ,
कामना के उल्लास होते!
प्रिय! यदि
तुम पास होते!
पुष्पगुच्छों के अधर पर,
कुछ तितलियाँ व कुछ भ्रमर,
रंग–स्वर लहरियों के सहवास होते
प्रिय! यदि
तुम पास होते!
ये रातें– झिंगुरों की गान हैं जो,
शैलनद -ध्वनियों की तान हैं जो,
आलिंगनबद्ध धरा–आकाश होते,
प्रिय! यदि तुम पास होते!
जहाँ चिन्तन है, वहाँ आनन्द
होता!
सरस हृदय-भाव–सिन्धु स्वच्छन्द होता!
प्रिय!
यदि तुम पास होते!
पल–दिवस संघर्ष न होते,
आह्लादों के प्रसार होते।
सुवास भीगी , कामना के प्रश्वास होते।
प्रिय! यदि तुम पास होते!
धड़कन–स्वर संत्रास न होते,
चूर–चूर सब अवसाद होते।
तरु–झुरमुट, मधुर–तानें, व रास होते
प्रिय! यदि तुम पास होते!
अविच्छिन्न आयाम निरन्तर साकार होते,
रेखाएँ–सीमाएँ और दिशान्तर लाचार होते।
अन्तहीन कल्पनाओं को; विराम
के आभास होते
प्रिय! यदि तुम पास होते!
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दर्शनशास्त्र विभाग, हे०न०ब०गढ़वाल
केन्द्रीय विश्वविद्यालय
श्रीनगर गढ़वाल(उत्तराखण्ड)
आपकी लिखी रचना बुधवार 18 जून 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
उत्कृष्ट शब्दावलियों के साथ उत्कृष्ट रचना , यह विशेष पद लगा .
ReplyDeleteअविच्छिन्न आयाम निरन्तर साकार होते,
रेखाएँ–सीमाएँ और दिशान्तर लाचार होते।
अन्तहीन कल्पनाओं को; विराम के आभास होते
प्रिय! यदि तुम पास होते!
बधाई कविता जी
आपने मुझे सराहा धन्यवाद एवं आभार, आपका स्नेह इसी प्रकार मिलता रहे, ईश्वर से यही प्रार्थना है.
Deleteआपकी स्नेहाकांक्षिनी
डॉ. कविता भट्ट
चूर–चूर सब अवसाद होते।
ReplyDeleteतरु–झुरमुट, मधुर–तानें, व रास होते
bahut bahut sunder
badhai
rachana
उत्कृष्ट प्रस्तुति ! बधाई !
ReplyDeleteअति सुन्दर प्रशंसनीय रचना !
ReplyDeleteबधाई कविता जी
कृष्णा वर्मा
प्रियवर यदि तुम पास मेरे होते
ReplyDeleteसच बोलो क्या तुम भ्रमर न होते
मेरे अधरों की लाली चुरा -चुरा
मैं सुरभित तुम सौरभ होते
लम्हों को सदियाँ लिखने को तुमने ठानी
सच , लम्हों को सदियाँ लिखने के
प्रियवर तुम ही मेरे कविवर होते
कोमल भावनाओं की सुन्दर उपज
ReplyDeleteआलिंगनबद्ध धरा–आकाश होते,
ReplyDeleteप्रिय! यदि तुम पास होते!
बहुत ही सुन्दर प्रेमपूर्ण रचना
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteप्रिय को याद करती प्यार भरी सुन्दर बानगी!
ReplyDeleteसुन्दर ,कोमल भावों को बहुत सुन्दर ,सरल भाषा में अभिव्यक्त किया है ....हार्दिक बधाई ..बहुत शुभ कामनाएँ !!
ReplyDeleteसुंदर शब्दों को विरही भावों में गूँथती अपने प्रिय को समर्पित मुक्ता -हार सी कविता की कविता ...शुभकामनाएँ...
ReplyDeletepyar men pagi payari si rachna ke liye hardik badhai...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई...|
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