डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
दीपक बाती से कहे ,तुम पाओ निर्वाण ।
मेरी भी चाहत जलूँ ,जब तक तन में प्राण ।।
2
कटते -कटते कह रही,वन के मन की आग ।
कैसे गाओगे सखा ,अब सावन का राग ।।
3
संग हँसें रोंयें सदा,
नहीं मिलन की रीत ।
प्रभु मेरी तुमसे हुई,
ज्यों नैनन की प्रीत ।।
4
सुवर्ण मृग की लालसा ,छीने सुख के धाम ।
किस्मत ने उनका लिखा,जीवन
दुख के नाम ।।
5
जब लालच की आग को ,मन में मिली पनाह ।
बेटी का आना यहाँ,
तब से हुआ गुनाह ।।
6
सुख की छाया है कभी ,कभी दुखों की धूप ।
देख भी लो नियति -
नटी, पल- पल बदले रूप ।।
7
पावनता पाई नहीं ,जन -मन का विश्वास ।
सीता को भी राम से , भेंट मिला वनवास ।।
8
मधुर मिलन की चाह मन ,नैनन दर्शन आस ।
कौन जतन कैसे घटे,अन्तर्घट की प्यास ।।
9
दुनिया के बाज़ार में ,
रही प्रीत अनमोल ।
ले जाये जो दे सके ,
मन से मीठे बोल ।।
10
कल ही थामा था यहाँ,दुख ने दिल का हाथ ।
आकर ऐसे बस गया ,ज्यों जनमों का साथ ।।
11
आहट तक
होती नहीं ,सुख के इस
बाज़ार ।
हम भी दुख की टोकरी ,लेने को लाचार ।।
12
सागर ,सुख दुख की लहर , ये सारा संसार ।
मेरी आशा ही मुझे ,
ले जाएगी पार ।।
बहुत सुंदर और सार्थक छंद ......
ReplyDeleteभावो को संजोये रचना......
ReplyDeleteसभी दोहे एक से बढ़कर एक...ज्योत्सना जी को सादर बधाई !!
ReplyDeleteभावपूर्ण प्रस्तुति...बधाई।
ReplyDeleteaa Aditi Poonam ji ,Sushma ji ,ऋता शेखर मधु ji evam Krishna ji ..आपकी सुन्दर प्रेरक उपस्थिति के लिए ह्रदय से धन्यवाद !
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
इतने मधुर, सुन्दर और लाजवाब दोहे ... भरपूर आनंद ...
ReplyDeleteसभी दोहे बहुत सुन्दर है...खास तौर से ये वाला...
ReplyDeleteकल ही थामा था यहाँ,दुख ने दिल का हाथ ।
आकर ऐसे बस गया ,ज्यों जनमों का साथ ।।
बधाई...|
सभी दोहे बहुत सुन्दर है...खास तौर से ये वाला...
ReplyDeleteकल ही थामा था यहाँ,दुख ने दिल का हाथ ।
आकर ऐसे बस गया ,ज्यों जनमों का साथ ।।
बधाई...|
jyotna ji apke sabhi dohe arth purn bhavon se bhare hai. badhai.
ReplyDeletepushpamehra.
बहुत बहुत आभार ..आ दिगम्बर नासवा जी एवं प्रियंका जी
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
ह्रदय से धन्यवाद ..आ पुष्पा मेहरा जी
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
जब लालच की आग को ,मन में मिली पनाह ।
ReplyDeleteबेटी का आना यहाँ, तब से हुआ गुनाह ।।
दुनिया के बाज़ार में , रही प्रीत अनमोल ।
ले जाये जो दे सके , मन से मीठे बोल
yun to sabhi dohe sundar hain .... lekin ye to bas man me bas hi gaye ....