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मन जो भीगा उदास सी साँझ में मोती बिखरे । बहुत सुंदर हाइगा
दिल को छू लिया भाई साहब !उदास साये,धुँधला गयी सांझ...कोई सँवारे....~सादर!!!
सुन्दर..
मनमोहक हाइगा.....साँझ सखी री उतरो जो आँगन दीप जला लूँ ..सादर ज्योत्स्ना
bahut sundar...
saanjh par bahut khubsurat haiga...bahut2 badhai...
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ReplyDeleteमन जो भीगा
ReplyDeleteउदास सी साँझ में
मोती बिखरे ।
बहुत सुंदर हाइगा
दिल को छू लिया भाई साहब !
ReplyDeleteउदास साये,
धुँधला गयी सांझ...
कोई सँवारे....
~सादर!!!
सुन्दर..
ReplyDeleteमनमोहक हाइगा.....
ReplyDeleteसाँझ सखी री
उतरो जो आँगन
दीप जला लूँ ..सादर ज्योत्स्ना
bahut sundar...
ReplyDeletesaanjh par bahut khubsurat haiga...bahut2 badhai...
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