मेरे आँगन उतरी सोनपरी
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु
मेरे आँगन
उतरी सोनपरी
लिये हाथ में
वह कनकछरी
अर्धमुद्रित
उसकी हैं पलकें
अधरों पर
मधुघट छलके
कोमल पग
हैं जादू-भरे डग
मुदित मन
हो उठा सारा जग
नत काँधों पे
बिखरी हैं अलकें
वो आई तो
आँगन भी चहका
खुशबू फैली
हर कोना महका
देखे दुनिया
बाजी थी पैंजनियाँ
ठुमक चली
ज्यों नदिया में तरी
सबकी सोनपरी ।
-0-
सोनपरी को ढेरों शुभकामनाएँ... :)
ReplyDeleteसहज स्वीकार !आपका यह हार्दिक प्यार !
ReplyDeleteहाथों में लिये
ReplyDeleteजादू की नन्ही छड़ी
सितारों जड़ी
लो आई सोन परी
.छूना ना कोई
उजरी निखरी है।
हो ना वो मैली.
है निर्मल कोमल
ये सोनपरी
सपने अपने- से
.मुट्ठी में भरे ,
अधखुली अँखियाँ,
मुसकाई है
जाने क्यों निंदिया में
दुलारी ये सोनपरी ..।
इस सोन परी पर तो बहुत प्यार आ रहा...। ममता से पगी इस रचना के लिए मेरी बधाई...।
ReplyDeleteसदर,
प्रियंका
नन्ही परी की ढेरो शुभकामनायें ....
ReplyDeleteसोनपरी के आगन में उतरने के लिए ढेरों बधाईयाँ और शुभकामनाये.
ReplyDeleteअर्धमुद्रित
उसकी हैं पलकें
अधरों पर
मधुघट छलके
कोमल पग
बहुत सुंदर प्यारी रचना है बधाईयाँ.
सादर,
अमिता
sonpari ko pyar......
ReplyDeleteवो आई तो
ReplyDeleteआँगन भी चहका
खुशबू फैली
हर कोना महका
ईश्वर करे सोनपरी की सुनहरी आभा बिखरी रहे...आँगन सदा चहकता और महकता रहे..बधाई एवं शुभकामनाएँ|
सुंदर रचना!
ReplyDeleteCongratulations and hearty welcome to the son pari.
ReplyDeleteसोनपरी के जन्म पर ढेरों शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteदादा -दादी की दुलारी ......
माता -पिता की प्यारी .....नन्ही सोनपरी को बहुत सा प्यार !
कितना सुन्दर तोहफा मिला है हमारी सोनपरी को ...दादा के दिल में पगता मोह शब्द बनकार इस रचना में उतरा है !
हरदीप
नन्हीं सोनपरी ने जब धरती पर आकर आँखे खोली सभी परिवार जनों के चेहरों पर खुशियों की लहर दौड़ी दद्दू ने तो नन्हीं परी के लिए फटाफट प्यारी सी रचना भी रच डाली,जिसमें उमड़ा है दद्दू का अथाह स्नेह,दादी की ममता,माँ का वात्स्ल्य और पिता का दुलार।
ReplyDeleteनन्हीं सी परी के लिए हमारी ओर से ढेरों ढेरों रों रों रों शुभकामनाओं के साथ इस धरती पर स्वागत है...
काम्बोज जी के समस्त परिवार को भावना की ओर से हार्दिक अनगिनत बधाईयाँ...
दाद जी बन
ReplyDeleteहिमांशु जी प्रसन्न
दादी भी खुश
पाई जो नन्ही परी
छोटे से हाथ
गुलाबी पंखुड़ियाँ
मन को मोहे
अधरों में कियाँ की
मीठी आवाज
माँ की नर्म गोद में
परी मुस्काई
नई दुनिया भाई
माँ पिता संग
बाबा दादी को देख
मन हर्षाया
प्रभु को यहीं पाया
धन्य हुई मै
आपकी गोद पा के
स्नेह जल से
खुद को भीगा कर
पिंक रंग से
कमरे को सजाना
गुलाबी ड्रेस
मुझको पहनना
थोड़ी बड़ी हो
सबको भगाऊँगी
दादा को घोडा
पापा को बना हाथी
करूँ सवारी
सपनो से भरी है
बंद मुट्ठी
मेरे कुछ आपके
भर दूंगी मै
घर में घडकन
नन्हे पैरों से
जन्म देने के लिए
शत शत नमन
aapko bahut bahut badhai
saader
rachana
कितनी प्यारी
ReplyDeleteआई राजदुलारी
दादी चहके
दादा बोले ह़ँसके
ये मेरी 'सोनपरी'|
नव जीवन
का,करके सृजन
माँ है हर्षित
पाए नन्हीं गुड़िया
पिता का आलिंगन|
जग ने जाना
सोनपरी का आना
झूमी धरती
खिला है उपवन
बसी सबके मन|
ऋता
तुम
ReplyDeleteभोर का सूरज,
तुम आयीं तो
तुम्हारे साथ
ज़िंदगी की सुबह आई !
तुम
एक नन्हा सा फ़रिश्ता
तम्हे गोद में ले कर,
माँ-पापा , दादा-दादी
सब के अरमान
हुये पूरे !
तुम
वक़्त के हाथों मिला हुआ
एक ख़ूबसूरत तोहफा,
तुम्हारे आने से
ज़िंदगी सज गयी
बेटियां तो भोर का सूरज होती हैं, उनके आने से जीवन में ख़ुशी की धूप भर जाती है. रामेश्वर जी आप को एवं सम्पूर्ण परिवार को परी की आमद पर बहुत बहुत बधाई... बिटिया को जीवन में सदैव सर्वश्रेष्ठ ही मिले ऐसी कामना है... हार्दिक स्नेह सहित
सादर
मंजु
रामेश्वर भाई आपको बधाई
ReplyDeleteखुशियाँ लाई
लक्ष्मी घर में आई
तुम्हें बधाई
*
लाड़ो का आना
दादा औ दादीजी ने
पावन माना
*
आप भी खाओ
मोतीचूर के लड्डू
हमें खिलाओ
बहुत शुभकामनाओं के साथ
देवी नगरानी
bahut pyaari aur komal kavita. sundar shabd sanchayan, badhai.
ReplyDeleteसोनपुरी सदा ही यूँ ही आनन्द बरसाती रहे।
ReplyDeleteदादा की गोद
ReplyDeleteपौत्री की किलकारी
स्वर्णिम पल
हाइकु चोका ताँका
आशीर्वादों का ताँता|
बधाई और शुभकामनाएँ|
बहुत सुन्दर सोनपरी ऐसे ही हर आँगन घर उतरे और खुशियाँ बिखेरे ..सुन्दर
ReplyDeleteभ्रमर ५
वो आई तो
आँगन भी चहका
खुशबू फैली
हर कोना महका
देखे दुनिया
सोनपरी को ढेर सारा प्यार और शुभकामनाएं... दादा दादी जी को बधाईयां
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