ज्यादा खुशी में भी आँखें बरबस भीग जाया करती हैं… वे खुशी के आँसू होते हैं… रोकने पर भी नहीं रुकते। आपका हाइकु बहुत सटीक प्रतीत होता है।
vastvik varnan...sajeev chitr nannhe se haikoo men...
poore desh ki aankhen bheeg gayin thin in khushi ke anshuon se....Sunder haiku
आँसुओं की भी अजीब कहानी है !दुःख में तो आते ही हैं ज्यादा ख़ुशी होने पर भी निकल आते हैं !वह मौका ही ऐसा था ,जज्बात पर काबू पाना बहुत मुश्किल था !
ये आँसू बड़े मीठे थे...खारापन तो था ही नहीं...।
बहुत बढ़िया...
aadarniy sir aapne to kamaal kar diya.is chhote se haiiku me sabke man ki baat kah di.waqai bhatat ki is jeet ne sbki aankho me khushi ke aansu la diye.bahut bahut badhaisadar pranaam poonam
ज्यादा खुशी में भी आँखें बरबस भीग जाया करती हैं… वे खुशी के आँसू होते हैं… रोकने पर भी नहीं रुकते। आपका हाइकु बहुत सटीक प्रतीत होता है।
ReplyDeletevastvik varnan...sajeev chitr nannhe se haikoo men...
ReplyDeletepoore desh ki aankhen bheeg gayin thin in khushi ke anshuon se....Sunder haiku
ReplyDeleteआँसुओं की भी अजीब कहानी है !दुःख में तो आते ही हैं ज्यादा ख़ुशी होने पर भी निकल आते हैं !
ReplyDeleteवह मौका ही ऐसा था ,जज्बात पर काबू पाना बहुत मुश्किल था !
ये आँसू बड़े मीठे थे...खारापन तो था ही नहीं...।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...
ReplyDeleteaadarniy sir
ReplyDeleteaapne to kamaal kar diya.
is chhote se haiiku me sabke man ki baat kah di.
waqai bhatat ki is jeet ne sbki aankho me khushi ke aansu la diye.
bahut bahut badhai
sadar pranaam
poonam