पथ के साथी

Friday, September 30, 2022

1248-सुगन्ध की तरह

 रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

 (28-3-86, रसमुग्धा अक्तु-दिस-86)


14 comments:

  1. वाह, रससिक्त मधुर गीत।सादर प्रणाम।

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  2. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति

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  3. बहुत सुंदर

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  4. बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।💐

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  5. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
    हार्दिक बधाई आदरणीय गुरुवर को

    सादर

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  6. बहुत सुंदर गीत ,हार्दिक बधाई भैया।

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  7. सुगंध ही बिखेरती है आपकी लेखनी सर! बहुत खूबसूरत गीत!

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  9. आहा! सर बहुत सुंदर हृदय स्पर्श करती लेखनी 🌹🙏

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  10. सुन्दर अभिव्यक्ति के लिये खूब बधाई आदरणीय हिमांशु भाई।

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  11. बहुत ही प्यारी एवं भावपूर्ण रचना
    बधाई गुरुवर

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  12. बहुत सुंदर मधुर अभिव्यक्ति।

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  13. बहुत ही सुंदर

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  14. आनंद आ गया पढ़कर , बहुत बहुत बधाई

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