रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
(28-3-86, रसमुग्धा अक्तु-दिस-86)
वाह, रससिक्त मधुर गीत।सादर प्रणाम।
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।💐
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।हार्दिक बधाई आदरणीय गुरुवर कोसादर
बहुत सुंदर गीत ,हार्दिक बधाई भैया।
सुगंध ही बिखेरती है आपकी लेखनी सर! बहुत खूबसूरत गीत!
This comment has been removed by the author.
आहा! सर बहुत सुंदर हृदय स्पर्श करती लेखनी 🌹🙏
सुन्दर अभिव्यक्ति के लिये खूब बधाई आदरणीय हिमांशु भाई।
बहुत ही प्यारी एवं भावपूर्ण रचना बधाई गुरुवर
बहुत सुंदर मधुर अभिव्यक्ति।
बहुत ही सुंदर
आनंद आ गया पढ़कर , बहुत बहुत बधाई
वाह, रससिक्त मधुर गीत।सादर प्रणाम।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।💐
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीय गुरुवर को
सादर
बहुत सुंदर गीत ,हार्दिक बधाई भैया।
ReplyDeleteसुगंध ही बिखेरती है आपकी लेखनी सर! बहुत खूबसूरत गीत!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआहा! सर बहुत सुंदर हृदय स्पर्श करती लेखनी 🌹🙏
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति के लिये खूब बधाई आदरणीय हिमांशु भाई।
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी एवं भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteबधाई गुरुवर
बहुत सुंदर मधुर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर
ReplyDeleteआनंद आ गया पढ़कर , बहुत बहुत बधाई
ReplyDelete