1-कमला निखुर्पा
1
लुटाती रही
बचपन की मस्ती
कितनी सस्ती ।
2
मीठी मिसरी
कभी मिर्ची -सी तीखी
बहना मेरी ।
3
हुए पराए
माँ के कोख जाए
कच्चे धागे ।
4
नेह की डोर
अनजाना बंधन
मन विभोर ।
-0-
2-रचना श्रीवास्तव
1
चाँद सजाये
भाई तेरा ये घर
तारों के संग ।
2
ख़ुशी के दीप
सजाये बहन ये
भाई के लिए ।
3
जीवन धूप
साया बन बादल
संग में चले ।
4
डरती नहीं
कठनाइयों से मैं
तुम जो संग ।
5
आशीष -साया
स्नेह की रौशनी हो
घर में तेरे ।
6
घागा नहीं
विश्वाश है मेरा ये
रक्षा करोगे ।
7
करूँ गलती
तो,माफ़ भी करोगे
जानती हूँ मेँ
-0-
3-डॉ जेन्नी शबनम
1
नेह की डोर
बिछड़े अपने को
खींच ही लाई !
2
पावन सूत
बाँध देता बंधन
रहे जो दूर !
3
छोड़ो संताप
काहे करे विलाप
भइया आया !
4
नहीं छूटता
राखी याद दिलाता
मन का नाता !
5
भले न आना
पर न बिसूरना
नेह का नाता !
6
टीस दे जाती
बचपन की यादें
राखी जो आती !
7
दुआ ही देंगे
आओ कि नही आओ
भइया मेरे !
8
पैसे ने तोड़े
कच्चे धागे-से नाते
राखी ने जोड़े !
-0-
4-हरकीरत हीर
1
रिश्तों का प्यार
लिए आया है द्वार
राखी त्योहार।
2
राखी है भाई
लिये बहना आई
बाँधे कलाई।
3
छूटे न कभी
तेरा मेरा ये प्यार
भैया हमार
4
राखी की मौली
लिए आई बहना
अक्षत - रोली।
5
रक्षा बंधन
इक पाक त्योहार
जैसे चंदन।
6
हिस्सा न पैसा
सुख- दुःख में रहें
साथ हो ऐसा ।
7
है अनमोल
रिश्ता पैसों से भैया
इसे न तोल ।
8
राखी बँधाने
आसमाँ से उतरे
चाँद सितारे ।
-0-
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाओं के साथ आपको बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस पोस्ट को, २९ अगस्त, २०१५ की बुलेटिन - "रक्षाबंधन की शुभकामनायें" में स्थान दिया गया है। कृपया बुलेटिन पर पधार कर अपनी टिप्पणी प्रदान करें। सादर....आभार और धन्यवाद। जय हो - मंगलमय हो - हर हर महादेव।
ReplyDeleteरक्षा बंधन के सुन्दर हाइकू ... दिल को छूते हैं सभी ...
ReplyDeleteसारगर्भित रचनाएँ! राखी से जुड़े प्रत्येक भाव और रंग को अभिव्यक्त करती हुई।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर व सार्थक रचना ..
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
भाई बहन के स्नेह-बंधन पर बहुत ही सुन्दर हाइकु हैं ..सभी को हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
saargarbhit rachnayen.....aap sabhi rachnakaaron ko haardik badhai!
ReplyDeletesunder
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