पथ के साथी

Sunday, September 3, 2023

1367-चाँद


जेन्नी शबनम



 1-मेरे मीत

 

देखती हूँ तुम्हें

चाँद की काया पर

हर रोज़ जब भी चाहा कि देखूँ तुम्हें

पाया है तुम्हें

चाँद के सीने पर।

 

तुम मेरे हो और मेरे ईश भी

तुम मेरे हो और मेरे मीत भी

तुम्हारी छवि में मैंने खुदा को है पाया

तुम्हारी छवि में मैंने खुद को है पाया।

 

कभी चाँद के दामन से

कुछ रौशनी उधार माँग लाई थी

और उससे तुम्हारी तस्वीर

उकेर दी थी चाँद पर

जब जी चाहता है मिलूँ तुमसे

देखती हूँ तुम्हें चाँद की काया पर।

 -0-

2-चाँद के होठों की कशिश

 

चाँद के होठों में जाने क्या कशिश है

सम्मोहित हो जाता है मन

एक जादू-सा असर है

मचल जाता है मन।

अँधेरी रात में हौले-हौले

क़दम-क़दम चलते हुए

चाँदनी रात में चुपचाप निहारते हुए

जाने कैसा तूफ़ान आ जाता है

समुद्र में ज्वार -भाटा उठता है जैसे

ऐसा ही कुछ-कुछ हो जाता है मन।

कहते हैं चाँद की तासीर ठंडी होती है

फिर कहाँ से आती है इतनी ऊष्णता

जो बदन को धीमे-धीमे

पिघलाती है

फिर भी सुकून पाता है मन।

उसकी चाँदनी या चुप्पी

जाने कैसे मन में समाती है

नहीं मालूम ज़िन्दगी मिलती है

या कहीं कुछ भस्म होता है

फिर भी चाँद के संग

घुल जाना चाहता है मन।

-0-

2-चंदा मामा / आशा पाण्डेय

       


                    

एक बार जब चंदा मामा,

रूठ गए अपनी बहना से।

छोड़ दि उसके घर आना,

तोड़ दि सब नाते-रिश्ते ।

बहन उदास रहा करती थी,

भूल गई वह हँसना-गाना।

कैसे मानेंगे भइया अब,

शुरू करेंगे कब घर आना ?

हरदम सोचा करती थी वह,

कह डालूँ सब दिल की बातें।

लिखूँ एक प्यारी-सी चिठ्ठी,

भूले कैसे नाते-रिश्ते?

इतने दिन का रक्षाबंधन,

इतने दिन का प्यार-दुलार।

भूल गए ऐसे तुम कैसे,

छोटी बहना का घर-द्वार?

बहन उदास सोच में डूबी,

टहल रही थी छत के ऊपर।

देखा चंदा चला आ रहा,

इसी ओर को बैठा रथ पर।

दौड़ी बहन ख़ुशी में डूबी,

भइया का स्वागत करने को।

देखो मेरा भइया आया,

मन से मेरे दुःख हरने को।

यह इतना मजबूत प्रेम है,

टूट कभी ना यह पागा।

बहन और भाई दोनों में,

रूठ नहीं कोई पागा।                      

आशा पाण्डेय ,कैंप,अमरावती महाराष्ट्र ,

 

 

 

4 comments:

  1. दोनों रचनाकारों की कविताएं सुंदर, हार्दिक बधाई।

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  2. रचनाकार द्वय को सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई।

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  3. सुंदर कविताएं

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  4. मनमोहक रचनाएँ। दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

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