पथ के साथी

Sunday, December 6, 2020

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 1-मुकेश बेनिवाल

 

हर बदलाव


मुझमें ही चाहते हो
 

ख़ुद से कभी पहल नहीं करते

छोड़ देते हो

कठिन-सा सवाल समझकर

तुम मुझे कभी हल नहीं करते

 

-0-

2- गीत-पूनम सैनी

 


मैं गिरिधर की दासी मीरा

दर्शन को बेचैन।

तुम बिन तरसे नैन।।

 

एक तो मीरा श्याम दीवानी

दूजी जग की सताई,

प्रेम तुम्हीं हो आस तुम्हीं से 

प्रभु बिन कौन सहाई

मीरा को मन मोहन वारे

मन की सुनलो बैन

तुम बिन तरसे नैन

 

एक तो हूँ मैं अमर सुहागन

दूजी श्याम की प्यारी

तुमसे टूटके कौन से जोड़ूँ

मैं भई मोहन थारी

मीरा को मन मोहन वारे

मन की सुनलो बैन

तुम बिन तरसे नैन

-0-

3-क्षणिकाएँ

प्रीति अग्रवाल  'अनुजा'

1.


ये हवाएँ,
बड़ी मनचली हो गई हैं.....
मेरी छत के बादल,
तेरे आँगन बरसाएँ !
2.
अबला की अब भी
वही है कहानी,
आँचल में दूध...
और 

आँखों में  फिर भी पानी...!
3.
बेकरार दिल
आज फिर कह रहा-
कहीं आँखों से काजल
किसी का बहा है....।
4.
किस हाल में हैं
अब कहें भी तो क्या...,
तेरे कदमों के निशां
रेत पर ढूँढते हैं....!
5.
है लम्बा स
क्यों न आसान कर लें,
झूठे, सच्चे सही,
कुछ वादें ही कर लें...!
6.
हल्का- हल्का सही,
इश्क चढ़ने लगा...
वै ढूँढे कोई,
कोई दवा तो बताए...!
7.
बरसते सावन का
करके बहाना...,
बड़ी फ़ुर्सत से रोए,
तुझे याद करके...!
8.
सर्दी की नर्म धूप-सी
तुम्हारी ये चाहत,
मैं मोम की नहीं...,
जाने क्यों पिघल रहीं हूँ...।
9.
भला कैसे मान लूँ
तुम मुझे भूला चुके...,
मैं झूठ कह सकती हूँ
तो क्या तुम नहीं...!
10.
वो भीगी-सी रात
फिर न लौटी कभी,
उसकी याद में चाहे
जितनी पलकें भिगो लीं..!
11
कहतें हैं जिसे इश्क
लगता है ये वही...
न आग में है आग
न पानी में नमी....!


12.
दास्तान ए इश्क
कायनात में घुले,
फिर हम ही रहें
क्यों धुले के धुले..!

-0- ई-मेल-agl.preeti22@gmail.com

23 comments:

  1. मुकेश बेनिवाल छोटी सी कविता में एक बड़े सत्य को उद्घाटित कर रही हैं वहीं पूनम सैनी की रचना भक्तिभाव से परिपुर्ण सुंदर रचना है।प्रीति अग्रवाल अपनी क्षणिकाओं से प्रभावित कर रही हैं।बारह क्षणिकाएँ बारह अलग अलग ढंग से प्रेम और विरह की मनोदशाओं को बहुत भावुकलता के साथ व्यक्त कर रही हैं।तीनो रचनाकारों को बधाई।

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    1. आदरणीय शिवजी भैया, आपने समय निकाल कर मेरी रचनाएँ पढ़ी और उन्हें सराहा, आपका बहुत बहुत आभार!

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  2. मुकेश बेनिवाल जी की कविता ने गागर में सागर भर दिया, पूनम सैनी जी का सुन्दर भजन,प्रीति अग्रवाल जी की क्षणिकाएँ मन मोह रही हैं ।आप तीनों रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाई ।

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    1. आपके स्नेह के लिए धन्यवाद सुरँगमा जी!

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  3. आदरणीय भाई साहब, मुझे पत्रिका में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!!
    मुकेश जी और पूनम जी को सुंदर रचनाओं के लिए हार्दिक बधाई!

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 08 दिसम्बर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. सभी कविताएँ एवं क्षणिकाएँ बेहद भावपूर्ण, आप सभी को हृदय से बधाई.

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  6. बहुत सुंदर क्षणिकायें।

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    1. आपके स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए आभार महिमा जी!

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  7. सुंदर विरह गीत, पूनमजी

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  8. मुकेश जी, बड़े ही रोचक ढंग से कम शब्दों में गहरी बात कह देती हैं आप! बहुत ख़ूब!
    पूनम जी, अपनी कविता में मीरा के दर्द का सुंदर चित्रण किया आपने!
    प्रीति जी, आपकी क्षणिकाएँ हमेशा की तरह बहुत ही बढ़िया!
    आप सभी को हार्दिक बधाई!

    ~सादर
    अनिता ललित

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    1. आपने समय निकाल कर मेरी रचनाओं को पढ़ा और सराहा, आपका आभार अनिता जी!

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  9. मुकेश जी , पूनम सेनी जी और प्रिय प्रीति आप तीनो की रचनाओं ने मंत्रमुग्ध कर दिया हार्दिक बधाई स्वीकारें ।

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    1. आपकी सराहना सिर माथे पर सविता जी! बहुत बहुत धन्यवाद!

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  10. भावपूर्ण रचनाओं के लिए आप सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    -परमजीत कौर'रीत'

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  11. मुकेश जी,पूनमसैनी जी और प्रीति जी,आप तीनो का सृजन बहुत ही सुन्दर लगा...आप सभी को हार्दिक बधाई!

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  12. सुंदर रचनाएं👌👌💐💐👌👌

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  13. रचनाएँ और क्षणिकाएँ सभी बहुत सुंदर ...आप सब को बधाई।

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  14. सुन्दर भावमय क्षणिकाएँ व कविताएँ । प्रीति जी,पूनम जी ,मुकेश जी बधाई आप तीनों को ।

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