सच लिखा है आपने
फ़ैसला होने से पहले ,हार क्यों स्वीकार कर लूँ ।waah..waah
प्रेरक पंक्तियाँ समीर की-उत्साह देती हैं. आभार इन्हें पेश करने का.
सच लिखा है आपने
ReplyDeleteफ़ैसला होने से पहले ,
ReplyDeleteहार क्यों स्वीकार कर लूँ ।
waah..waah
प्रेरक पंक्तियाँ समीर की-उत्साह देती हैं. आभार इन्हें पेश करने का.
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