1-मुक्तक
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु'
साँझ को तेरी मिली कमी
कहाँ ले जाएगी।
आसमाँ से जो गिरा,उसको
उठाता कौन है
जिसे किनारा न मिला, नदी कहाँ ले जाएगी
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2-नन्ही गौरैया
सुदर्शन रत्नाकर
वह जो भूरे-पीले पंखों वाली
नन्ही गौरैया
हर रोज आती थी
मेरे आँगन में
अब आती नहीं
सूरजमुखी का पराग
चुन चुन खाती नहीं
न ही पेड़ की फुनगी पर
बैठ कर, झूला झूलती है
बैठी रहती है छत की मुँडेर पर
सूर्य उगने के इंतज़ार में, क्योंकि
मेरे घर के सूरजमुखी मुरझा गए हैं
और दीमक लगे पेड़ की शाखाएँ
सूख गई हैं, इसलिए
वो जो पीले भूरे पंखों वाली
नन्ही गौरैया
मेरे आँगन में आती थी
अब आती नहीं।।
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ई-29, नेहरू ग्राउण्ड ,फ़रीदाबाद 121001
मो.न. 9811251135
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3-कविता
चन्द्रबली शर्मा
1
है विकलता आज कैसी,मैं समझ कब पा रहा
हूँ।
पर न जाने पूर्ण क्यों वह,हो नहीं मुझसे रही
है।
तू नहीं रूठी कभी पर,रूठ छवि तेरी रही
है।
2
सोचता हूँ मन भरम जाए किसी विध आज मेरा।
क्या पता आए तेरा सन्देश लेकर शुभ-सवेरा।
और भी कुछ ना सही, कुछ तो अवधि
अल्प होगी
रात्रि तेरी विरह-दुःख में,ना मुझे शत-कल्प होगी।
3
छवि ही तेरी रूठी नहीं,रूठा सभी संसार मुझसे।
नींद रूठी,चैन रूठा और रूठा प्यार मुझसे।
किन्तु मुझको है नहीं,चिन्ता किसी के भी
टूटने की
है नहीं शंका तनिक भी,प्रिय तुम्हारे रूठने
की।
4
बस यही मैं सोचता हूँ,कैसे तुमको ये कहूँ
बसते हैं तन-मन में मेरे,तेरी साँसों के सुमन
तू अगर रूठी रही तो,सब बिखर ही जाएँगे
उजड़े उपवन में भला फिर,भौंरे क्या गा पाएँगे।
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बहुत सुंदर...। अलग अलग विषय पर प्रस्तुत तीनों रचनाएँ बहुत पसंद आई ।
ReplyDeleteमेरी हार्दिक बधाई आप सभी को
आ.हिमांशु भाई का लाजवाब मुक्तक, सुदर्शन जी की गौरैया की मार्मिक कविता और चन्द्रबली जी की प्रिय के रूठने की कविता , तीनों सुमधुर हैं । सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteतीनों रचनाएं बहुत उम्दा...आ. भाई काम्बोज जी, सुदर्शन जी तथा चन्द्रबली जी को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteतीनों रचनाएँ बहुत सुंदर ! हार्दिक बधाई आप सबको!!!
ReplyDelete~सादर
अनिता ललित
सभी रचनाएँ बहुत सुंदर मनभावन ..आप सबको हार्दिक बधाई 🙏🙏🙏👏👏👏👏
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ReplyDeleteतीनों ,रचनाएँ लाजवाब !
आ,भैया जी ,सुदर्शन जी तथा चन्द्रबली जी को हार्दिक बधाई।
तीनों रचनाएँ लाजवाब !!आद.भैया जी ,सुदर्शन जी तथा चन्द्रबली जी को हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteअभिनन्दन - सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर
ReplyDeleteपूर्वा शर्मा
विविध विषयों पर सुन्दर , प्रभावी रचनाएँ , रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteसभी रचनाएँ अप्रतिम शानदार ....आप सभी को खूब सारी बधाइयाँ....👌👌💐💐👌👌☺☺💐💐👌👌💐💐
ReplyDeletekamboj ji aapka muktak gahan abhivykti se otprot hai,goreyya padhkar man pasej gaya bahut hi bhavuk kar dene valai racna hai,बस यही मैं सोचता हूँ,कैसे तुमको ये कहूँ
ReplyDeleteबसते हैं तन-मन में मेरे,तेरी साँसों के सुमन
तू अगर रूठी रही तो,सब बिखर ही जाएँगे
rchna men prem ki adhikata dekhte hi banti hai aap tinon rachnakaron ko bhawna ki or se anekonek shubhkamnayen...
बहुत बहुत सुंदर और प्रभावी रचनाएँ...
ReplyDeleteआदरणीय रामेश्वर जी, आदरणीय सुदर्शन दीदी एवं आदरणीय चन्द्रबली जी को हार्दिक बधाई
सुदर्शन रत्नाकर जी की नन्हीं गौरैया ने दिल में एक कसक छोड़ दी है. इस तरक्की के नाम पर हम क्या-क्या खो रहे हैं. चिड़ियाँ चह्चहाएंगी नहीं तो क्या हम मुस्कुरा पाएंगे?
ReplyDeleteतीनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई; सुन्दर रचनाओं हेतु
ReplyDeleteआप सभी की बेहतरीन अभिव्यक्ति से मन बिभोर हुआ।हार्दिक बधाई
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