इस विकट काल में केवल सकारात्मक और आशावादी रचनाओं की अपेक्षा है। आपने साहित्यकार के धर्म को बहुत अच्छे से निर्वहन किया। बहुत सुंदर रचना, हार्दिक साधुवाद।
आज के परिदृश्य पर भावपूर्ण कविता! सच में आज निराशा के अन्धकार में आशा के सूर्य की प्रतीक्षा है। 'हवा बेरहम है' - ऐसे में हमें आत्मबल एवं सकारात्मक सोच के साथ परिस्थिति का सामना करना है और अन्धकार को पराजित करना है।
चीर अंधेरों को, सूरज ले आएँ/आँसू हम पोंछे,जरा मुस्कराएँ.. विपरीत और भयावह परिस्थियों में हौसला बढ़ाती सकारात्मक भाव की प्रभावी कविता।आपकी लेखनी को नमन।सुंदर चित्रांकन हेतु जेन्नी जी को बधाई।
सकारात्मक एवं मनोबल बढ़ाती रचना. मन की निराशा को कोई सूरज चीर कर भगा दे और ऐसी ही भोर ले आए. बहुत सुन्दर रचना, बधाई. मेरे चित्र को बहुत सुन्दर शब्द दिया आपने, आभार.
सही कहतें हैं आदरणीय, यह समय एक दूसरे की हिम्मत बढ़ाने का है, एक दूसरे का साथ निभाने का है...😊.....
ReplyDeleteशब्दों में मरहम है ,हृदय में आकुलता
ReplyDeleteकैसे किसे समझाएं - समय मे है निष्ठुरता |
आपके शब्दों में बड़ी सांत्वना है |श्याम हिंदी चेतना
विपरीत घड़ी है
ReplyDeleteआँधियाँ चढ़ीं हैं
कोई तो रोको
विपदा बड़ी है ।
हिमांशु भाई की मनोभाव आज के संकट को बखूबी रेखांकित कर रहे हैं । हमें एक दूसरे को संबल देना है ।
इस विकट काल में केवल सकारात्मक और आशावादी रचनाओं की अपेक्षा है। आपने साहित्यकार के धर्म को बहुत अच्छे से निर्वहन किया। बहुत सुंदर रचना, हार्दिक साधुवाद।
ReplyDeleteदुःख में भी गुनगुनाने का आशावादी संदेश लिए अच्छी कविता- बधाई।
ReplyDeleteसकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे, मुश्किल समय जल्दी बीते।
ReplyDeleteआज के परिदृश्य पर भावपूर्ण कविता! सच में आज निराशा के अन्धकार में आशा के सूर्य की प्रतीक्षा है। 'हवा बेरहम है' - ऐसे में हमें आत्मबल एवं सकारात्मक सोच के साथ परिस्थिति का सामना करना है और अन्धकार को पराजित करना है।
ReplyDeleteविपरीत घड़ी में राहत देती कविता। सादर अभिवादन भैया
ReplyDeleteसामयिक- सकारात्मक सुंदर कविता। बधाई भैया।
ReplyDeleteसकारात्मक कविता
ReplyDeleteचीर अंधेरों को, सूरज ले आएँ/आँसू हम पोंछे,जरा मुस्कराएँ.. विपरीत और भयावह परिस्थियों में हौसला बढ़ाती सकारात्मक भाव की प्रभावी कविता।आपकी लेखनी को नमन।सुंदर चित्रांकन हेतु जेन्नी जी को बधाई।
ReplyDeleteसकारात्मक एवं मनोबल बढ़ाती रचना. मन की निराशा को कोई सूरज चीर कर भगा दे और ऐसी ही भोर ले आए. बहुत सुन्दर रचना, बधाई. मेरे चित्र को बहुत सुन्दर शब्द दिया आपने, आभार.
ReplyDeleteघोर परिस्थितियों में उत्साह बढ़ाती बहुत सुंदर सकारात्मक रचना...हार्दिक बधाई भाईसाहब।
ReplyDeleteसकारात्मक सोच और निराशा में आशान्वित करती सुंदर कविता।
ReplyDeleteचीर अँधेरों को सूरज ले आएँ...👍
ReplyDeleteआप सभी गुणिजन का हृदय से आभार
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ReplyDeleteसुन्दर व सकारात्मक रचना।
हार्दिक बधाई भैया जी।