वाह! एक से बढ़कर एक बेहतरीन क्षणिकाएँ! हार्दिक बधाई कृष्णा जी!
कृष्णा जी आपकी रचना में जो पीड़ा है "खुद नहीं मरता है इन्सान - लोगों के लफ्ज़ और रवैये जीने नहीं देता " कितनी इमानदारी से आपने सबकुछ ही कह दिया | बहुत ही हृदयविदारक रचना के लिए बधाई !श्याम हिन्दी चेतना
वाह , बेहतरीन •••हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत ही मार्मिक क्षणिकाएँ, हार्दिक बधाई आदरणीया कृष्णा जी।
सभी क्षणिकाएँ बढ़िया हैं! क्रमांक 4, 8, 9 और 10 वाली रचनाएँ प्रभावी बन पड़ी हैं। "कौन मना पाया फिर / सिरफिरी हवाओं को" - सुंदर शब्दावली! हार्दिक बधाई! डाॅ. कुँवर दिनेश
क्षणिकाओं को ऐसे ही धारदार होना चाहिए-बधाई।सभी रचना सुंदर हैं-जीवन की हकीकत बयान कर रही हैं।
बहुत सार्थक क्षणिकाएँ...हार्दिक बधाई |
मेरी क्षणिकाओं को सहज साहित्य में साँझा करने के लिए आ. भाई काम्बोज जी का हार्दिक आभार।
प्रोत्साहन भरी टिप्पणियों के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
सभी क्षणिकाएँ बहुत भावपूर्ण, बधाई कृष्णा जी.
बहुत ही मार्मिक क्षणिकाएँ।हार्दिक बधाई आदरणीया।सादर
एक से बढ़कर एक... बहुत ही सुन्दर मनभावन क्षणिकाएँ हार्दिक शुभकामनाएँ कृष्णा जी
सभी क्षणिकाएँ एक से बढ़कर एक।हार्दिक बधाई कृष्णा जी।
बहुत सुंदर भावपूर्ण क्षणिकाएं, हार्दिक बधाई।
कृष्णा जी । सभी क्षणिकाओं में दर्द का अहसास है सभी एक से एक बढ़कर हैं बधाई हो।
सभी क्षणिकाएँ बहुत सुंदर, भावपूर्ण। हार्दिक बधाई
सभी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर व भावपूर्ण,बहुत बधाई दीदी।
वाह! एक से बढ़कर एक बेहतरीन क्षणिकाएँ! हार्दिक बधाई कृष्णा जी!
ReplyDeleteकृष्णा जी आपकी रचना में जो पीड़ा है "खुद नहीं मरता है इन्सान - लोगों के लफ्ज़ और रवैये जीने नहीं देता " कितनी इमानदारी से आपने सबकुछ ही कह दिया | बहुत ही हृदयविदारक रचना के लिए बधाई !श्याम हिन्दी चेतना
ReplyDeleteवाह , बेहतरीन •••हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत ही मार्मिक क्षणिकाएँ, हार्दिक बधाई आदरणीया कृष्णा जी।
ReplyDeleteसभी क्षणिकाएँ बढ़िया हैं! क्रमांक 4, 8, 9 और 10 वाली रचनाएँ प्रभावी बन पड़ी हैं। "कौन मना पाया फिर / सिरफिरी हवाओं को" - सुंदर शब्दावली! हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteडाॅ. कुँवर दिनेश
क्षणिकाओं को ऐसे ही धारदार होना चाहिए-बधाई।
ReplyDeleteसभी रचना सुंदर हैं-जीवन की हकीकत बयान कर रही हैं।
बहुत सार्थक क्षणिकाएँ...हार्दिक बधाई |
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ReplyDeleteमेरी क्षणिकाओं को सहज साहित्य में साँझा करने के लिए आ. भाई काम्बोज जी का हार्दिक आभार।
प्रोत्साहन भरी टिप्पणियों के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteसभी क्षणिकाएँ बहुत भावपूर्ण, बधाई कृष्णा जी.
ReplyDeleteबहुत ही मार्मिक क्षणिकाएँ।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आदरणीया।
सादर
एक से बढ़कर एक...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर मनभावन क्षणिकाएँ
हार्दिक शुभकामनाएँ कृष्णा जी
सभी क्षणिकाएँ एक से बढ़कर एक।हार्दिक बधाई कृष्णा जी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावपूर्ण क्षणिकाएं, हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteकृष्णा जी । सभी क्षणिकाओं में दर्द का अहसास है सभी एक से एक बढ़कर हैं बधाई हो।
ReplyDeleteसभी क्षणिकाएँ बहुत सुंदर, भावपूर्ण। हार्दिक बधाई
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ReplyDeleteसभी क्षणिकाएँ बहुत सुन्दर व भावपूर्ण,बहुत बधाई दीदी।