पथ के साथी

Wednesday, August 10, 2011

जंगल को गाने दो( हाइकु)


जंगल को गाने दो( हाइकु)

डॉ सुधा गुप्ता
1
मनमौजी है
जंगल को गाने दो
अपना गीत
2
हरे पन्ने पे
रचते आरण्यक
ये वन -ॠषि
3
इन्हें न काटो
पावन वेद-ॠचा-
सी यह सृष्टि
4
ममतामयी
जड़-चेतन प्रति
वत्सल दृष्टि
5
तृषा बुझाने
इनके कारण ही
होती  है वृष्टि
6
गीत बुनती
गहरे सन्नाटे में
कोई गौरैया
7
बोल उठता
अचानक मस्ती में
वो पपीहरा
 8
असंख्य जीव
पाते हैं संरक्षण
इनकी गोद
9
कस्तूरी मृग
निर्भय विचरण
मनाते मोद
10
मत उजाड़ो
सबको कुछ देता
कुछ न लेता
11
कभी न छीनो
वन्य जीवों का घर
भू रही चेता
12
स्वाधीन ,मुक्त
स्वयं की मस्ती डूबा
सबका मीत
13
आत्मविभोर
प्रभु-भक्ति में लीन
सबसे प्रीत
14
मनमौजी है
जंगल को गाने दो
अपना गीत
-0-

[चित्र: रोहित काम्बोज और अंजना काम्बोज ]

13 comments:

  1. गीत बुनती
    गहरे सन्नाटे में
    कोई गौरैया

    बोल उठता
    अचानक मस्ती में
    वो पपीहरा..
    वाह ! बहुत खूब लिखा है आपने! बोलती हुई चित्र! शानदार फोटोग्राफी! ख़ूबसूरत चित्र के साथ साथ लाजवाब हाइकु ! उम्दा प्रस्तुती!

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  2. sahaj saral shabd men khubsoorat khyalat

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  3. इन्हें न काटोपावन वेद-ॠचा-सी यह सृष्टि 4ममतामयीजड़-चेतन प्रतिवत्सल दृष्टि5तृषा बुझाने इनके कारण हीहोती वृष्टि

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  4. डा.रमा द्विवेदी
    सभी हाइकु अति सुन्दर ,अति सहज और सरल शब्दों में अभिव्यक्ति ..... आदरणीय डा. सुधा जी की लेखनी को नमन ....

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  5. इन्हें न काटोपावन वेद-ॠचा-सी यह सृष्टि 4ममतामयीजड़-चेतन प्रतिवत्सल दृष्टि5तृषा बुझाने इनके कारण हीहोती वृष्टि

    Bahut Acchhe.

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  6. इन्हें न काटो
    पावन वेद-ॠचा-
    सी यह सृष्टि

    तृषा बुझाने
    इनके कारण ही
    होती वृष्टि

    पूजनीया सुधा गुप्ता जी को सादर नमन
    सुन्दर हाइकु के साथ सुन्दर फ़ोटोग्राफ़ी...सोने में सुहागा...

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  7. चित्रण की छटा बिखेरते हाईकू।

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  8. मत उजाड़ो
    सबको कुछ देता
    कुछ न लेता
    kitna sahi likha hai sudh ji ke haiku hamesha naye paridhan me sunder bhavon ko samete huye hote hain .
    मनमौजी है
    जंगल को गाने दो
    अपना गीत
    adbhud
    saader
    rachana

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  9. शब्दों से जंगल रचते खूबसूरत हाइकु....

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  10. sabhi haaiku bahut umdaa hain...
    मनमौजी है
    जंगल को गाने दो
    अपना गीत

    मत उजाड़ो
    सबको कुछ देता
    कुछ न लेता

    aadarniya Sudha ji ko bahut badhai.

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  11. मनमौजी है
    जंगल को गाने दो
    अपना गीत...
    geet bahut............acha laga javab nahi sudhaji ka....bahut2 badhai..

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  12. Sabhi haiku bahut hi sunder hain. Saath mein chitra bhi bahut umda hain.

    Manmauji hai
    jangal ko gaane do
    apna geet.

    Bahut pasand aaya. Bahut badhaai

    Regards.

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