डॉ.सुरंगमा यादव
सपनों में भरनी है जान
यदि बनानी है पहचान
क्षमताओं को अपनी जान
भर के देख फिर सही उड़ान
एक बार जो लेना ठान
उस पर ही करना संधान
धूप-ताप आए बरसात
मन की छतरी लेना तान
खुद बनना अपनी प्रेरणा
हालात पर नहीं बिफरना
पीछे मुड़कर नहीं निरखना
भ्रमजाल भी जाने कितने
मिल जाएँगे पथ में
मगर तुझे है बढ़ना
अपनी ही धुन में
गहराए यदि कहीं अँधेरा
मुसकानों के दीप जलाना
मन-सुमन खिलाए रखना
निश्चित है मंजिल को पाना
-0-
सुन्दर सन्देश देती प्यारी कविता.... हार्दिक बधाई सुरंगमा जी! !
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश देती प्यारी कविता.... हार्दिक बधाई सुरंगमा जी! !
ReplyDeleteडॉ सुरंगमा जी बहुत सकारात्मक सोच से भरपूर कविता है बधाई हो|
ReplyDeleteसुरंगमा जी की ये पंक्तियाँ पढकर श्याम नरायन पाण्डेय जी की याद आ गयी | आजकल बहुत कम ही लोग प्रेरणात्मक कविता की ओर ध्यान देते हैं | आपकी रचना बड़ी ओजपूर्ण और प्रोत्साहन से भरी हुयी है | आपने ठीक कहा है कि"सपनों में भरनी है जान|" आप बधाई की पात्र हैं | श्याम त्रिपाठी -हिन्दी चेतना
ReplyDeleteसुंदर रचना ... बधाइयाँ
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteबधाई
सुन्दर सन्देश देती प्यारी रचना.... बहुत-बहुत बधाई आपको सुरंगमा जी !
ReplyDeleteधूप-ताप आए बरसात
ReplyDeleteमन की छतरी लेना तान
खुद बनना अपनी प्रेरणा...
बहुत सुन्दर बात कही है...
सुन्दर सन्देश देती एक प्यारी रचना...
ReplyDeleteहार्दिक बधाई सुरंगमा जी !
सुन्दर सन्देश देती एक प्यारी रचना...
ReplyDeleteहार्दिक बधाई सुरंगमा जी !
1सुंदर सकारात्मक कविता
ReplyDeleteसुंदर सकारात्मक कविता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना सुरंगमा जी..... हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना...सुरंगमा जी बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रेरक रचना...बहुत-बहुत बधाई सुरंगमा जी।
ReplyDeleteडॉ सुरंगमा जी सपनो को पूरा करने और अपनी पहचान बनाने पर आपके मन के भावों को नमन |
ReplyDeleteधूप ताप बरसात में मन की छतरी तान लेना । बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबधाई
सकारात्मक संदेश देती सुंदर एवम प्रभावी कविता,बधाई सुरंगमा जी
ReplyDeleteओजपूर्ण रचना के लिए बहुत बधाई
ReplyDelete