बनता वही कबीर
डॉ.योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’
जिसने झेले दुःख जीवन
में,जिसने सह ली पीर!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
दुःख अपना लेता है जिसको,
कालजयी वह बन जाता है!
अँधियारों से जो भी जूझा,
वो नया सवेरा लाता है!!
कालजयी वह बन जाता है!
अँधियारों से जो भी जूझा,
वो नया सवेरा लाता है!!
कर्म-मन्त्र से खींची
जाती, जग में नई लकीर!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
सेवा-अमृत जो चख लेता,
ईश्वर को वो पा लेता है!
सारे जग की पीड़ा लेकर,
सब को खुशियाँ देता है!!
ईश्वर को वो पा लेता है!
सारे जग की पीड़ा लेकर,
सब को खुशियाँ देता है!!
धनवानों से ऊँचा होता, बिरला कोई फ़क़ीर!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
देह - देह से भिन्न भले हो,
आत्मरूप तो सब होते हैं!
जिनकी पीड़ा हर लेते हम,
बस वही चैन से सोते हैं!!
आत्मरूप तो सब होते हैं!
जिनकी पीड़ा हर लेते हम,
बस वही चैन से सोते हैं!!
मानव-जन्म अगर पाया है,छोडो
एक नज़ीर!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
-0-
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
-0-
पूर्व प्राचार्य,74/3,
न्यू नेहरू नगर,रूड़की-247667
-0-
सुन्दर भावभरी बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteसादर नमन के साथ
ज्योत्स्ना शर्मा
अति सुंदर गीत ..सादर नमन आपको और आपकी लेखनी को
ReplyDeleteसुंदर गीत
ReplyDeleteबहुत भावप्रणव मधुर गीत के लिये बहुत-बहुत बधाई अरुण जी ।
ReplyDeleteजिसने झेले दुःख जीवन में,जिसने सह ली पीर!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
बहन विभा रश्मि
बहुत भावप्रणव मधुर गीत के लिये बहुत-बहुत बधाई अरुण जी ।
ReplyDeleteजिसने झेले दुःख जीवन में,जिसने सह ली पीर!
वही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
बहन विभा रश्मि
बहुत सुंदर गीत।हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत।हार्दिक बधाई
ReplyDeleteअरुण जी, बहुत मधुर गीत की रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण गीत अरुण जी बहुत बधाई।
ReplyDeleteजिसने झेले दुःख जीवन में,जिसने सह ली पीर!
ReplyDeleteवही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
बहुत मधुर गीत !!
नमन आपको और आपकी लेखनी को !
हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई अरुण जी!!!
bahut sundar geet .pushpa mehra
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा article है। ......... very nice with awesome depiction ......... Thanks for sharing this article!! :)
ReplyDeleteवाहहह!!
ReplyDeleteसुंदर सृजन !!
अत्यंत सुन्दर रचना महोदय, बधाई एवं शुभकामनायें
ReplyDeleteकर्मयोगियों को प्रेरित करने वाली इस रचना हेतु आपको नमन; जितनी भी प्रसंशा की जाय कम है
Bahut bhavpurn ..
ReplyDeleteमानव-जन्म अगर पाया है,छोडो एक नज़ीर!
ReplyDeleteवही बनी है मीरा जग में, बनता वही कबीर!!
बहुत प्रेरणादायक...हार्दिक बधाई...|
बहुत सुन्दर गीत प्रेणादायक , शिक्षात्मक । जीवन सफल बनाने वाला । जिसने सह ली पीर ...बना वही फकीर । वाह .. हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव पूर्ण गीत आर्दिक बधाई । हार्दिक बधाई अरूण जी ।
ReplyDeleteअरूण जी बहुत सुन्दर भाव पूर्ण एवं शिक्षात्मक गीत ।हार्दिकबधाई ।
ReplyDelete