tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post8722567996291062718..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 957सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-55011384934817583432020-03-22T19:03:15.300+05:302020-03-22T19:03:15.300+05:30सभी दोहे एक से बढ़कर एक ज्योत्स्ना जी! बहुत सुंदर! ...सभी दोहे एक से बढ़कर एक ज्योत्स्ना जी! बहुत सुंदर! हार्दिक बधाई आपको!<br /><br />~सादर <br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-37160956815676893232020-02-21T17:02:00.495+05:302020-02-21T17:02:00.495+05:30
आद.सुरंगमा जी,रचना जी,प्रियंका जी,जेन्नीजी... मुझ...<br />आद.सुरंगमा जी,रचना जी,प्रियंका जी,जेन्नीजी... मुझे प्रोत्साहित करने के लिए आप सभी का हृदय-तल से आभार !<br />Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89654220852816409242020-02-20T21:18:37.588+05:302020-02-20T21:18:37.588+05:30सभी दोहे बहुत सुन्दर, बधाई ज्योत्स्ना जी.सभी दोहे बहुत सुन्दर, बधाई ज्योत्स्ना जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89567996303987492022020-02-20T14:36:48.445+05:302020-02-20T14:36:48.445+05:30बहुत प्यारे दोहे हैं, हार्दिक बधाई स्वीकारें ।बहुत प्यारे दोहे हैं, हार्दिक बधाई स्वीकारें ।प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76855347376336351142020-02-18T21:19:36.756+05:302020-02-18T21:19:36.756+05:30जुगनूँ, तितली ,भौंर भी , सुख देते भरपूर ।
जाने ...जुगनूँ, तितली ,भौंर भी , सुख देते भरपूर ।<br />जाने किस सुनसान में, कुदरत के वो नूर<br />sahi kaha hai apne<br />badhayi <br />rachanaमेरा साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09177331730604295287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-77966670761004498032020-02-18T18:26:23.838+05:302020-02-18T18:26:23.838+05:30वाह!एक से बढ़कर एक दोहे।बहुत खूब।वाह!एक से बढ़कर एक दोहे।बहुत खूब।dr.surangma yadavhttps://www.blogger.com/profile/02341987635896388089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-74123785547571655132020-02-18T09:19:54.833+05:302020-02-18T09:19:54.833+05:30 आद.शिवजी एवँ रत्नाकर दीदी, साथ ही पूर्वा जी,प्रीत... आद.शिवजी एवँ रत्नाकर दीदी, साथ ही पूर्वा जी,प्रीति जी.. आप लोगों की टिप्पणी से बहुत बल मिलता <br />हैl बहुत-बहुत आभार आप सभी का !Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-73193706639267778802020-02-17T22:15:12.577+05:302020-02-17T22:15:12.577+05:30जितनी बार पढ़े और सुंदर लगे। एक से बढ़कर एक दोहे रचे...जितनी बार पढ़े और सुंदर लगे। एक से बढ़कर एक दोहे रचे हैं, ज्योत्स्ना जी बधाई!<br />बादल से निकली अभी, कुदरत खुद रौशन हुई,झरनें गाते थे कभी....बहुत खूब!!:)प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-12473831509603667442020-02-17T21:58:43.891+05:302020-02-17T21:58:43.891+05:30प्रकृति के दोहन की गहन अभिव्यक्ति ।एक से बढ़कर एक ...प्रकृति के दोहन की गहन अभिव्यक्ति ।एक से बढ़कर एक बढ़िया दोहे।बधाई ज्योत्सना जी ।Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-46015341396762504852020-02-17T19:32:34.102+05:302020-02-17T19:32:34.102+05:30
झरनें गाते थे कभी, हरियाली के गीत ।
मानव ने गूँग...<br />झरनें गाते थे कभी, हरियाली के गीत ।<br />मानव ने गूँगा किया,तोड़ी उसकी प्रीत ।।<br /> वाह,एक से बढ़कर एक दोहे सभी दोहे प्रकृति के सौंदर्य और मानव द्वारा उसके दोहन की स्थिति को बहुत प्रभावी ढंग से व्यक्त कर रहे हैं।बधाई ज्योत्स्ना जी।<br />शिवजी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/11658195805454614870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-37609565814493276322020-02-17T17:44:19.998+05:302020-02-17T17:44:19.998+05:30मनभावन दोहे ... प्रकृति के दोहन पर सभी दोहे सटीक ए...मनभावन दोहे ... प्रकृति के दोहन पर सभी दोहे सटीक एवं सुंदर <br />माँ का रूप.... बहुत ही प्यारा <br />हार्दिक शुभकामनाएँ ज्योत्स्ना जी Dr. Purva Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12677408421467945951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-18782607183166793902020-02-17T09:55:05.569+05:302020-02-17T09:55:05.569+05:30This comment has been removed by the author.Dr. Purva Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12677408421467945951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-58489578473779407642020-02-17T09:31:27.426+05:302020-02-17T09:31:27.426+05:30
आदरणीय भैया जी, मेरे दोहों को यहाँ स्थान देने हेत...<br />आदरणीय भैया जी, मेरे दोहों को यहाँ स्थान देने हेतु हृदय से आभार!<br />सविता जी दोहे पसंद करने के लिए दिल से शुक्रिया lJyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-83329939077023558932020-02-17T07:31:34.139+05:302020-02-17T07:31:34.139+05:30ज्योत्सना जी सभी दोहे एक से एक बढ़कर रचे हैं | हार्...ज्योत्सना जी सभी दोहे एक से एक बढ़कर रचे हैं | हार्दिक बधाई |कुदरत खुद रौशन हुई , बनकर माँ का रूप |जीवन .... बहुत मनभावन है |सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.com