tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post6393172620645828030..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 971-महादान -महिमासहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-48350919598024196702020-04-21T12:19:47.105+05:302020-04-21T12:19:47.105+05:30बहुत सुन्दर...| इंसान अगर मूरख न होता तो दुनिया की...बहुत सुन्दर...| इंसान अगर मूरख न होता तो दुनिया की तस्वीर ही और कुछ होती...| इस सार्थक सृजन के लिए बहुत बधाई...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-18309097849803228582020-04-20T15:58:24.398+05:302020-04-20T15:58:24.398+05:30बहुत कमाल का लिखा है आपने. जिस तरह से समाज में बुर...बहुत कमाल का लिखा है आपने. जिस तरह से समाज में बुराइयाँ बढ़ती जा रही हैं, कोई उपाय नहीं सूझता कि इस सबसे समाज कैसे बचे. ऐसे समय में आपका यह सृजन चिन्तन करने के लिए अवश्य प्रेरित करेगा. <br />कुछ न पता परलोक का , हे मूरख इंसान ।<br />जीवन बीता जा रहा, एक पथ महादान ॥<br />बधाई काम्बोज भाई.<br />डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-69607510723407190602020-04-18T22:39:33.039+05:302020-04-18T22:39:33.039+05:30 बहुत बढ़िया सामयिक सृजन...हार्दिक बधाई भाई साहब। बहुत बढ़िया सामयिक सृजन...हार्दिक बधाई भाई साहब।Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-34725444968734088692020-04-18T17:53:14.958+05:302020-04-18T17:53:14.958+05:30समसामयिक , विभिन्न क्षेत्रों में जड़ जमा रही बुराइ...समसामयिक , विभिन्न क्षेत्रों में जड़ जमा रही बुराइयों का सटीक चित्रण , दोहे बहुत उम्दा । बधाई हिमांशु भाई। Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-73048091977244729172020-04-17T19:58:54.291+05:302020-04-17T19:58:54.291+05:30वाह! बहुत ही बढ़िया! बहुत-बहुत बधाई आदरणीय भैया जी!...वाह! बहुत ही बढ़िया! बहुत-बहुत बधाई आदरणीय भैया जी!<br /><br />~सादर <br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76835161213324950162020-04-16T17:17:51.679+05:302020-04-16T17:17:51.679+05:30सुंदर सृजन..... आज की स्थिति पर सटीक व्यंग्य |
हार...सुंदर सृजन..... आज की स्थिति पर सटीक व्यंग्य |<br />हार्दिक शुभकामनाएँ Dr. Purva Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12677408421467945951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-4984867571977939722020-04-15T22:46:10.862+05:302020-04-15T22:46:10.862+05:30अतुल्य सृजन आदरणीय सरअतुल्य सृजन आदरणीय सरDr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-19632288631156609132020-04-15T22:38:34.238+05:302020-04-15T22:38:34.238+05:30सच में अद्भुत!सच में अद्भुत!Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-23416493039918776752020-04-15T21:09:56.358+05:302020-04-15T21:09:56.358+05:30बहुत बढ़िया कविता! दोहों का संयोजन बहुत सुन्दर और ...बहुत बढ़िया कविता! दोहों का संयोजन बहुत सुन्दर और रोचक है! हार्दिक बधाई!<br />डाॅ. कुँवर दिनेशHYPHENhttps://www.blogger.com/profile/17883919592742541517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-52197630867878455892020-04-15T21:05:55.877+05:302020-04-15T21:05:55.877+05:30'चढ़ावे' की 'महिमा' से हम सभी वाकिफ...'चढ़ावे' की 'महिमा' से हम सभी वाकिफ है, मरता क्या ना करता..स्वर्ग की चाहना कितने नरक पार करवाती है, बहुत सटीक व्यंग्य, आपको बधाई भाई साहब!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-45555827889817811042020-04-15T19:01:54.056+05:302020-04-15T19:01:54.056+05:30भ्रष्टाचार एक बड़ी लाइलाज बीमारी ,सुंदर दोहे , बधाई...भ्रष्टाचार एक बड़ी लाइलाज बीमारी ,सुंदर दोहे , बधाई ।Ramesh Kumar Sonihttps://www.blogger.com/profile/18273144880883311040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-13306108466155551202020-04-15T18:29:08.545+05:302020-04-15T18:29:08.545+05:30उत्तम भाव लिए आज के समाज में पनप रहे भ्रष्टाचार पर...उत्तम भाव लिए आज के समाज में पनप रहे भ्रष्टाचार पर सारगर्भित रचना है दोहे भी अत्यधिक सटीक हैं हार्दिक बधाई हो |सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-7397392908882808642020-04-15T18:26:13.550+05:302020-04-15T18:26:13.550+05:30भ्रष्टाचार पर अति तीखा व्यंग्य किया है ।सुन्दर सृ...भ्रष्टाचार पर अति तीखा व्यंग्य किया है ।सुन्दर सृजन के लिए बधाई आपको ।dr.surangma yadavhttps://www.blogger.com/profile/02341987635896388089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-27228332552545627892020-04-15T17:54:37.794+05:302020-04-15T17:54:37.794+05:30एक पथ महादान ... अद्भुद भाव लिए उत्कृष्ट सृजन 🙏🏼...एक पथ महादान ... अद्भुद भाव लिए उत्कृष्ट सृजन 🙏🏼🙏🏼सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-2748574506904895272020-04-15T17:40:28.980+05:302020-04-15T17:40:28.980+05:30वाह!बहुत सुंदर सामयिक सृजन । समाज की सच्ची तस्वीर...वाह!बहुत सुंदर सामयिक सृजन । समाज की सच्ची तस्वीर खींच दीं आपने।बधाई <br />ज्ञान और गुण धक्के खाते,उल्लू घर-घर पूजे जाते।Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.com