tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post6099761171513306510..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 892-अक्षर नहीं मरा करते हैंसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-59820950225339033802019-07-14T12:47:41.412+05:302019-07-14T12:47:41.412+05:30अक्षर सच में कभी नहीं मर सकते...| उस निंदनीय कृत्य...अक्षर सच में कभी नहीं मर सकते...| उस निंदनीय कृत्य से लगी ठेस मानो साकार हो गई...| इतिहास की एक दुखद घटना को लेकर आपने इतनी ओजपूर्ण रचना की है उसके लिए बहुत बधाई...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-51346394436532060492019-07-05T14:00:43.154+05:302019-07-05T14:00:43.154+05:30सार्थक एवं सुंदर सृजन आदरणीयसार्थक एवं सुंदर सृजन आदरणीयमंजूषा मनhttps://www.blogger.com/profile/05973406793196054905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-44722913017800749692019-07-04T22:20:54.388+05:302019-07-04T22:20:54.388+05:30बेहद सार्थक और सामयिक रचना. सच है अक्षर कभी मरा नह...बेहद सार्थक और सामयिक रचना. सच है अक्षर कभी मरा नहीं करते हैं. बहुत गहन भाव. हार्दिक बधाई भैया.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-67426284341918973042019-07-02T13:10:22.296+05:302019-07-02T13:10:22.296+05:30बेहद ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति... हार्दिक बधाई आदरणीय!
बेहद ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति... हार्दिक बधाई आदरणीय!<br />Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-1879398692469305932019-06-28T19:32:48.485+05:302019-06-28T19:32:48.485+05:30वाह! अक्षर नहीं मरा करते हैं...बहुत ही गहन सार्थक ...वाह! अक्षर नहीं मरा करते हैं...बहुत ही गहन सार्थक बात कही भैया| <br />नालंदा जिला हमारा गाँव है और हमने वहाँ की ईंट ईंट देखी है, ध्वस्त कमरे देखे हैं, रसोई देखी है, पढ़ने का कमरा देखा है| पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है नालंदा विश्वविद्यालय की ध्वस्त दीवारें| देखकर दुःख होता है कि वह जलाया नहीं गया होता तो भारत साहित्य के मामले में और कितना धनी रहता|<br />रचना का प्रवाह बहुत सुन्दर है और लगता है जैसे जले अक्षर नई काया में पुनः जीवित हो उठे हैं| हार्दिक बधाई भैया!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-84011792899695189332019-06-26T16:41:01.316+05:302019-06-26T16:41:01.316+05:30शाश्वत सत्य की अभिव्यक्ति ।बहुत सुन्दर ।शाश्वत सत्य की अभिव्यक्ति ।बहुत सुन्दर ।dr.surangma yadavhttps://www.blogger.com/profile/02341987635896388089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-46430966963802610652019-06-26T09:31:35.670+05:302019-06-26T09:31:35.670+05:30अक्षर नहीं मरा करते हैं... बिलकुल सही, अक्षर तो सद...अक्षर नहीं मरा करते हैं... बिलकुल सही, अक्षर तो सदा के हैं, सुख मे दुख में अक्षर ही तो हैं जो अभिव्यक्ति का माध्यम है, साथी हैं<br /><br />www.manukavya.wordpress.comManju Mishrahttps://www.blogger.com/profile/04132121767481656886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-12445335609105469182019-06-25T22:29:04.338+05:302019-06-25T22:29:04.338+05:30अक्षर नहीं मरा करते हैं ।साहित्य शाश्वत है, कौई न...अक्षर नहीं मरा करते हैं ।साहित्य शाश्वत है, कौई नहीं मिटा सकता ।अति सुंदर सार्ँथक भावाभिवक्ति के लिए हार्दिक बधाईSudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-37613342252482876812019-06-25T21:25:00.716+05:302019-06-25T21:25:00.716+05:30बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति।
सादर,
भावनाबेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति।<br />सादर,<br />भावनाbhawnahttps://www.blogger.com/profile/06643967250921446367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-68281874551619943302019-06-25T20:32:57.685+05:302019-06-25T20:32:57.685+05:30वाह!अत्यंत सुंदर एवं सत्य भाव लिए रचना! अक्षर कभी ...वाह!अत्यंत सुंदर एवं सत्य भाव लिए रचना! अक्षर कभी नहीं मरा करते!<br />इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय भैया जी!<br /><br />~सादर<br />अनिता ललितAnita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-33350831862737599042019-06-25T18:45:20.798+05:302019-06-25T18:45:20.798+05:30व्वाहहहह..
अक्षर नहीं मरा करते हैं।
कभी नहीं.. अमर...व्वाहहहह..<br />अक्षर नहीं मरा करते हैं।<br />कभी नहीं.. अमर हैं अक्षर..<br />सादर..yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-66959424415770454872019-06-25T17:50:52.362+05:302019-06-25T17:50:52.362+05:30वाह,बहुत सुंदर और सार्थक भाव-अक्षर नहीं मरा करते ह...वाह,बहुत सुंदर और सार्थक भाव-अक्षर नहीं मरा करते हैं.. ये सनातन सत्य है,साहित्य अमर है कोई भी निरंकुश सत्ता साहित्य को समाप्त नहीं कर सकती।शिवजी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/11658195805454614870noreply@blogger.com