tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post5462513941386208697..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 1090-कृष्णा वर्मा की कविताएँसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-1634551253405783042021-04-18T12:40:17.099+05:302021-04-18T12:40:17.099+05:30व्यूहों की गर्हित संरचना
क्यों मेरा उद्धार करेगी
प...व्यूहों की गर्हित संरचना<br />क्यों मेरा उद्धार करेगी<br />प्रश्नों की यह कठिन पहेली<br />कब सच को स्वीकार करेगी।<br /><br />इन पंक्तियों को बार-बार पढ़कर भी मन नहीं अघाया।<br />दोनों ही रचनाएँ बहुत ही भावपूर्ण, मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती हुई।<br />बधाई डॉ कृष्णा !sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-90042933714012887332021-04-16T16:09:03.113+05:302021-04-16T16:09:03.113+05:30कृष्णा जी बेहद भावपूर्ण और सामयिक कविताओं के सृजन ...कृष्णा जी बेहद भावपूर्ण और सामयिक कविताओं के सृजन के लिए बधाई ।सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-10471259966411231302021-04-14T22:42:22.576+05:302021-04-14T22:42:22.576+05:30दोनों कविता बहुत भावपूर्ण और सामयिक. सुन्दर अभिव्य...दोनों कविता बहुत भावपूर्ण और सामयिक. सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई कृष्णा जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-79855105650842119922021-04-14T19:31:36.597+05:302021-04-14T19:31:36.597+05:30
दोनों ही रचनाएँ बहुत सुन्दर एवँ भावपूर्ण,
हार्दिक...<br />दोनों ही रचनाएँ बहुत सुन्दर एवँ भावपूर्ण,<br />हार्दिक बधाइयाँ आद. दीदी।Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-39996841350003911352021-04-13T06:00:11.130+05:302021-04-13T06:00:11.130+05:30आप सभी का हृदयतल से धन्यवाद।
आ. भाई काम्बोज जी का ...आप सभी का हृदयतल से धन्यवाद।<br />आ. भाई काम्बोज जी का हार्दिक आभार। <br /><br /><br /> <br /><br /><br />Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-19116355922079366932021-04-12T07:00:29.278+05:302021-04-12T07:00:29.278+05:30मानव तुझे बनाकर मैं तो खुद पछताया....
प्रश्नों की ...मानव तुझे बनाकर मैं तो खुद पछताया....<br />प्रश्नों की यह कठिन पहेली....<br />बहुत सुंदर अभिव्यक्ति कृष्णा जी!!💐प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-2117316234638160732021-04-11T20:26:15.422+05:302021-04-11T20:26:15.422+05:30सुन्दर रचनाओं हेतु हार्दिक बधाईसुन्दर रचनाओं हेतु हार्दिक बधाईनीलाम्बरा.comhttps://www.blogger.com/profile/05792893886774411412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-72865581052876102172021-04-11T19:40:13.878+05:302021-04-11T19:40:13.878+05:30दोनों रचनाएँ बहुत भावपूर्ण एवं समसामयिक
हार्दिक ब...दोनों रचनाएँ बहुत भावपूर्ण एवं समसामयिक <br />हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें Dr. Purva Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12677408421467945951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-32554095386490982862021-04-11T14:52:23.805+05:302021-04-11T14:52:23.805+05:30बहुत सुंदर सामयिक कविताएँ। भौतिक सुखों की चाह में ...बहुत सुंदर सामयिक कविताएँ। भौतिक सुखों की चाह में मनुष्य प्रकृति का दोहन कर रहा है तथा मानवीय गुणों को भूल गया है ये सब उसके विनाश का कारण बन रहे हैं।सार्थक सृजन हेतु बहुत बधाई कृष्णा जी। Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-30532530354059347982021-04-11T14:03:40.707+05:302021-04-11T14:03:40.707+05:30नदियों को किया मैला
किए जंगल वीरान
दूजों के दु...नदियों को किया मैला <br /><br />किए जंगल वीरान<br /><br />दूजों के दु:ख दिखे न तुझको <br /><br />निज सुख आगे<br /><br />-चेतावनी देती पंक्तियाँ। मनुजता और प्रकृति का नुकसान मानव ने दानव बनकर किया है । सार्थक लेखन की बधाई।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.com