tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post5107052979723093192..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 647सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-77568165177429051722016-07-17T14:34:09.248+05:302016-07-17T14:34:09.248+05:30पीड़ा की प्रभावी अभिव्यक्ति पीड़ा की प्रभावी अभिव्यक्ति Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-20656295560717623152016-07-16T20:40:13.213+05:302016-07-16T20:40:13.213+05:30उफ्फ्फ कितनी पीडादायक स्थिति को आपकी कलम ने संवारा...उफ्फ्फ कितनी पीडादायक स्थिति को आपकी कलम ने संवारा वो भी ऐसे वक्त में दिल से नमन आदर्णीया कमला जी |सुनीता शर्मा 'नन्ही'https://www.blogger.com/profile/17734502488420747181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89033779783319861062016-07-12T08:29:05.651+05:302016-07-12T08:29:05.651+05:30बहुत मार्मिक रचना प्रस्तुत की आदरणीया कमला जी ने.....बहुत मार्मिक रचना प्रस्तुत की आदरणीया कमला जी ने...लेकिन क़ुदरत के सामने हम सब बेबस होते हैंनिंदक नियरे राखियेhttps://www.blogger.com/profile/04735083175055399484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-36051205094164181912016-07-11T22:10:49.403+05:302016-07-11T22:10:49.403+05:30सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!
मे...सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!<br /><br />मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...JEEWANTIPShttps://www.blogger.com/profile/17470194490274952584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-87020836558360761802016-07-08T21:21:54.349+05:302016-07-08T21:21:54.349+05:30गेरू से लिपा माटी का पूजाघर
जिसमें उकेरे थे माँ की...गेरू से लिपा माटी का पूजाघर<br />जिसमें उकेरे थे माँ की उँगलियों ने<br />ऐपण की लकीरें<br />वो स्वस्तिक और ॐ का चिह्न भी<br />बचा न सका<br />कमला जी आपकी कविता ने , हृदय विदारक चित्र ने तो रुला ही दिया क्योंकि इसमें जो दर्द हैं ,पीड़ा हैं वो बहुत गहरी हैं ....हम आपका दर्द महसूस करते हैं ...प्रभु से कामना है कि आपकी परेशानियाँ समाप्त हो जाए.. आपलोग स्वस्थ रहें ... खुश रहें ...Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-6212170516435968682016-07-08T17:34:54.379+05:302016-07-08T17:34:54.379+05:30आपका स्नेह आत्मीय भाव बेजोड़ है बहन ! आपका स्नेह आत्मीय भाव बेजोड़ है बहन ! सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-42701526136839108402016-07-07T22:34:03.377+05:302016-07-07T22:34:03.377+05:30भैया आपके स्नेह का प्रतिदान दे पाना मेरे लिए इस जन...भैया आपके स्नेह का प्रतिदान दे पाना मेरे लिए इस जन्म में संभव नहीं ... जाने कितने जन्मों का पुन्य संचित हुआ होगा जो आप मिले , इतने सारे साहित्यिक बुद्धिजीवियों सखियों और मित्रों का स्नेह मिला .... आप सबके शब्दों ने मुझे नया जीवन दिया है | बहुत आभार .. Kamlanikhurpa@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/05894933359198383315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-42672360401635516722016-07-06T10:45:27.197+05:302016-07-06T10:45:27.197+05:30बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति ...चित्र हृदय विदारक ! ...बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति ...चित्र हृदय विदारक ! पल-पल संजोयी स्मृतियों ,अनुभूतियों के अधिष्ठान का यूँ नष्ट हो जाना बेहद पीड़ादायक है कमला जी ..लेकिन आपको स्वयं धैर्य रखकर परिवार को संभालना है ।ईश्वर से सभी के स्वस्थ ,सुखी जीवन की कामना करती हूँ । ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-52035150803477794742016-07-05T08:24:27.596+05:302016-07-05T08:24:27.596+05:30कमला जी बहुत दर्द है आपकी कविता में जो स्वाभाविक भ...कमला जी बहुत दर्द है आपकी कविता में जो स्वाभाविक भी है इस तरह सब कुछ नष्ट हो गाया जानकार ह्रदय द्रवित हुआ |प्रभु की मर्जी के सामने हम सब बौने हो जाते हैं |भगवन आपको धैर्य प्रदान करें |सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-20820902534097036392016-07-05T01:19:24.166+05:302016-07-05T01:19:24.166+05:30बहुत हृदस्पर्शी रचना...कमला जी। इस घटना के विषय म...बहुत हृदस्पर्शी रचना...कमला जी। इस घटना के विषय में जान कर बहुत दुख हुआ। घर के चप्पे-चप्पे में यादें बसी होती हैं। पुरखों की निशानियों का यूँ बिखर जाना बहुत कष्टदायी होता है। ईश्वर आपको इस दुख से उबरने का हौंसला दे। Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-10322738305454292832016-07-05T00:19:59.353+05:302016-07-05T00:19:59.353+05:30 स्वयं की पीड़ा व्यक्त करती कविता,मार्मिक अभिव्यक्त... स्वयं की पीड़ा व्यक्त करती कविता,मार्मिक अभिव्यक्ति प्रकृति की निष्ठुरता ने अपना आतंक ऐसा फैलाया कि वर्षों से प्रेम से रचा- बसा घर देखते -देखते ही छिन गया|ईश्वर आपको इस आघात से उबरने की शक्ति दे , आप फिर से अपना घर बना सकें| आशा है आप सपरिवार सुरक्षित होंगी |<br /> पुष्पा मेहराrbmhttps://www.blogger.com/profile/10299724344262939136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-44189128192381651612016-07-04T23:52:59.606+05:302016-07-04T23:52:59.606+05:30कविता ने बहुत मार्मिक दृश्य दिखला दिये दिल दहलाने...कविता ने बहुत मार्मिक दृश्य दिखला दिये दिल दहलाने वाले ।घर का तिनका तिनका बिखरा देखना बहुत दुखद है ।बीते पल यहाँ घर सहेजे बैठा था सब का बह जाना कितना पीड़ा दायक है कल्पना करना भी मुश्किल है ।चित्र सब बयाँ कर रहें है ।आप के इस दुख में हम सब शरीक हैं ।भगवान से प्रार्थना है आप सब पुन: बना सकें वैसा ही घर । शुभकामनायें ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05248473740018889298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-32449422841350392842016-07-04T19:34:27.809+05:302016-07-04T19:34:27.809+05:30मार्मिक कविता... कमला जी ! चित्र भी दिल दहला देने ...मार्मिक कविता... कमला जी ! चित्र भी दिल दहला देने वाले हैं। आपके घर के बारे में जानकर बेहद दुख हुआ। जिस घर में बचपन बीता हो, उससे तो कुछ अधिक ही लगाव होता है। आपका दर्द समझ सकते हैं। हम सब इस दुख में आपके साथ हैं। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपको सब्र दे और बिखरे हुए तिनकों को पुनः जोड़ने की हिम्म्त दे। <br /><br />~सादर <br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-12132289875536281562016-07-04T19:30:03.634+05:302016-07-04T19:30:03.634+05:30गहन मार्मिक अनुभूति लिए कविता।गहन मार्मिक अनुभूति लिए कविता।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-58692371391751081542016-07-04T18:34:00.717+05:302016-07-04T18:34:00.717+05:30बेहद मार्मिक रचना कमला जी. बहुत भयावह लग रहा है चि...बेहद मार्मिक रचना कमला जी. बहुत भयावह लग रहा है चित्र से. मकान सिर्फ घर नहीं होता बल्कि वहाँ व्यतीत हुए वक़्त का एक एक पल ठहरा होता है. सब छीन गया. बहुत दुःख हुआ कमला जी. हिम्मत से काम लीजिये और पुनः बिखरे हुए को समेटने का प्रयास कीजिए. शुभकामनाएँ!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-82210266162973069302016-07-04T17:49:19.922+05:302016-07-04T17:49:19.922+05:30गहन अनुभूतियों से उपजी मर्मस्पर्शी कविता। पढ़कर दिल...गहन अनुभूतियों से उपजी मर्मस्पर्शी कविता। पढ़कर दिल भीग गया। कमला जी आपकी क्षति का सुनकर दुःख हुआ। हृदय से संवेदना।<br />भावना सक्सैनाbhawnahttps://www.blogger.com/profile/06643967250921446367noreply@blogger.com