tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post3288375553333195608..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : पीर- तरी(चोका)सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-75177618939779499442012-04-14T09:53:35.622+05:302012-04-14T09:53:35.622+05:30जो दिखते हैं
महामानव ज्ञानी
उनकी लाखों
हैं कपट कह...जो दिखते हैं<br />महामानव ज्ञानी<br />उनकी लाखों <br />हैं कपट कहानी<br />रोती दीवारें<br />सन्तापों की हिचकी<br />लाक्षगृह में<br />घिरे जीवन भर<br />जीवन के अनुभवों को इतना सुन्दर अभिव्यक्त आप सा संवेदनशील <br />व्यक्ति ही कर सकता है। बहुत ही सुन्दर कविता ।सीमा स्मृतिhttps://www.blogger.com/profile/09265585405906262267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-52364910957780179442012-04-11T17:32:50.546+05:302012-04-11T17:32:50.546+05:30बहुत सुंदर कविता..बहुत सुंदर कविता..दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-16334193105502794092012-04-11T07:24:06.592+05:302012-04-11T07:24:06.592+05:30namaskar himanshu ji
waah bahut sunder chokha ha...namaskar himanshu ji <br /><br />waah bahut sunder chokha hai <br /><br />mujhe samajh me aa gaya . hardik abhar aapka .shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-36229763130810044782012-04-10T15:41:33.134+05:302012-04-10T15:41:33.134+05:30गहन गुफ़ा पग-पग है खाई कैसे इनकी गहराई पाटूँ !
अन्...गहन गुफ़ा पग-पग है खाई कैसे इनकी गहराई पाटूँ !<br />अन्तर्मन के सन्नाटों को भेदती शब्दावली इस अभिव्यक्ति की जान हैDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-62587818563939623382012-04-10T07:51:25.572+05:302012-04-10T07:51:25.572+05:30कोई न बूझे
जले मन की ज्वाला
राह न सूझे
किस -किस पथ...कोई न बूझे<br />जले मन की ज्वाला<br />राह न सूझे<br />किस -किस पथ के<br />मैं सब काँटे छाँटूँ ।..........waah bahut sunder .sabhi shandar <br />hardik badhaishashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-15389117776921704682012-04-10T05:35:17.353+05:302012-04-10T05:35:17.353+05:30गहन भाव लिए हुए है यह चोका,जीवन का कड़वा सच शब्दों...गहन भाव लिए हुए है यह चोका,जीवन का कड़वा सच शब्दों में पिरोकर पन्नों पर उतरना तो कोई रामेश्वर जी से सीखे ....<br />कोई न बूझे<br />जले मन की ज्वाला<br />राह न सूझे<br />किस -किस पथ के<br />मैं सब काँटे छाँटूँ ....<br />और अंतिम पंक्तियाँ जीवन की उस सच्चाई को ब्यान करती हैं जिसका सामना हम सब प्रतिदिन करते हैं |<br />बहुत बधाई !<br />हरदीपShabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-13052686014381078692012-04-08T19:32:10.842+05:302012-04-08T19:32:10.842+05:30शानदार चोकाशानदार चोकादिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-37485950551608906382012-04-08T17:26:42.266+05:302012-04-08T17:26:42.266+05:30jab kahta tha pulak nadi ki, sunte rahe taraane ....jab kahta tha pulak nadi ki, sunte rahe taraane .jabse peer kahi hai maine, kahan gaye sab jaane?Prabodh Kumar Govilhttps://www.blogger.com/profile/12839366183996594801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-39028261531975147702012-04-08T08:02:50.404+05:302012-04-08T08:02:50.404+05:30sundar prastutisundar prastutiMonika Jainhttps://www.blogger.com/profile/18206634037142003083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-69749206236684387982012-04-07T21:50:42.992+05:302012-04-07T21:50:42.992+05:30कोई न बूझे
जले मन की ज्वाला
राह न सूझे
किस -किस प...कोई न बूझे<br />जले मन की ज्वाला<br />राह न सूझे <br />किस -किस पथ के <br />मैं सब काँटे छाँटूँ <br />जीवन चक्र उसकी मजबूरियां और दर्द का सजीव चित्रण किया है आपने भाईसाहब..............आपकी हर एक रचना से मैं सिखाती हूँ.....<br />धन्यवाद,<br />अमिता कौंडलamita kaundalnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-79119558839187947822012-04-07T16:09:08.364+05:302012-04-07T16:09:08.364+05:30कोई न बूझे
जले मन की ज्वाला
राह न सूझे
किस -किस प...कोई न बूझे<br />जले मन की ज्वाला<br />राह न सूझे <br />किस -किस पथ के <br />मैं सब काँटे छाँटूँ ।<br />भावपूर्ण सुन्दर रचना<br />सादर<br />कृष्णा वर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-30191645145810749312012-04-07T15:05:21.088+05:302012-04-07T15:05:21.088+05:30जो दिखते हैं
महामानव ज्ञानी
उनकी लाखों
हैं कपट कहा...जो दिखते हैं<br />महामानव ज्ञानी<br />उनकी लाखों<br />हैं कपट कहानी<br />कितना सच लिखा है...|<br /><br />दूँ प्यार किसे ?<br />सब पर पहरा<br />हर द्वारे पे<br />है सन्नाटा गहरा<br /><br />बहुत भावपूर्ण है...| बहुत बधाई...|<br />प्रियंकाप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-13467129484287926522012-04-07T12:38:52.047+05:302012-04-07T12:38:52.047+05:30जीवन का हुबहू रूप प्रस्तुत किया है आपने,बेहद करीब-...जीवन का हुबहू रूप प्रस्तुत किया है आपने,बेहद करीब-बेहद गहन ....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-75260288956444616822012-04-06T21:49:16.246+05:302012-04-06T21:49:16.246+05:30बहुत सरल शब्दों में बहुत ही गहरे भावों को अभिव्यक्...बहुत सरल शब्दों में बहुत ही गहरे भावों को अभिव्यक्त किया है आपने.....हर पंक्ति एक से बढ़ कर एक...मेरा सादर नमन ...!ज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-56943861222050171232012-04-06T19:46:54.941+05:302012-04-06T19:46:54.941+05:30घोर अँधेरा
पथ है अनजाना
बोलो कैसे मैं
दर्दीले पल क...घोर अँधेरा<br />पथ है अनजाना<br />बोलो कैसे मैं<br />दर्दीले पल काटूँ ।<br /><br />bahut gahan abhivyakti hai in panktiyon men,gahan peeda ,gahan soch bahut2 badhai...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76367365432997638672012-04-06T19:31:54.655+05:302012-04-06T19:31:54.655+05:30लाक्षगृह में
घिरे जीवन भर
भैया जीवन इसके सिवा और ह...लाक्षगृह में<br />घिरे जीवन भर<br />भैया जीवन इसके सिवा और है ही क्या कितना सुंदर सोचा है आपने आपका लिखा जब भी पढ़ती हूँ हमेशा कुछ न कुछ सीखती हूँ<br />सादर<br />रचनाRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-73960719814276309122012-04-06T17:46:16.377+05:302012-04-06T17:46:16.377+05:30वाह! क्या बात है!
इसे भी देखें-
घर का न घाट कावाह! क्या बात है!<br />इसे भी देखें-<br /><a href="http://cbmghafil.blogspot.in/2012/04/blog-post.html" rel="nofollow"><b>घर का न घाट का</b></a>चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-11276477348081762102012-04-06T11:53:54.183+05:302012-04-06T11:53:54.183+05:30कोई न बूझे
जले मन की ज्वाला
राह न सूझे
किस -किस पथ...कोई न बूझे<br />जले मन की ज्वाला<br />राह न सूझे<br />किस -किस पथ के<br />मैं सब काँटे छाँटूँ ।<br /><br />निर्मल और निष्कपट अभिव्यक्ति...बहुत सुंदर रचना|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-6038079387160662692012-04-06T10:24:46.104+05:302012-04-06T10:24:46.104+05:30मन की पीड़ा आप बहे है।मन की पीड़ा आप बहे है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-61190138732773288322012-04-06T09:14:45.201+05:302012-04-06T09:14:45.201+05:30जो दिखते हैं
महामानव ज्ञानी
उनकी लाखों
हैं कपट कहा...जो दिखते हैं<br />महामानव ज्ञानी<br />उनकी लाखों<br />हैं कपट कहानी<br /><br />आज जहाँ धन लोभी हो गया है मनुष्य ...ज्ञान कि गठरी बनाये ,चिराग तले अँधेरा ....कितनी गहरी सच्चाई लिख दी अपने ....<br />बहुत सुंदर रचना ...<br />शुभकामनायें ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-12463578655301344422012-04-06T01:44:48.388+05:302012-04-06T01:44:48.388+05:30♥
आदरणीय रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' ...<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />♥</a></b><br /><br /><b> </b><br /><br /><b><i> आदरणीय रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी </i></b> <br />प्रणाम !<br /><br /><b>दूँ प्यार किसे ?<br />सब पर पहरा<br />हर द्वारे पे<br />है सन्नाटा गहरा<br />कोई न बूझे<br />जले मन की ज्वाला<br />राह न सूझे<br />किस -किस पथ के<br />मैं सब काँटे छाँटूँ । </b><br /><b> </b> आपका प्रत्येक गीत/नवगीत , हर प्रकार का छंद … मन छू लेता है…<br />इस रचना के लिए भी साधुवाद!<br /><br /><b>*महावीर जयंती*</b> और <b> *हनुमान जयंती*</b><br /> की <b>शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित… </b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-83309678657524148772012-04-05T23:16:02.214+05:302012-04-05T23:16:02.214+05:30रोती दीवारें
सन्तापों की हिचकी
लाक्षगृह में
घिरे ज...रोती दीवारें<br />सन्तापों की हिचकी<br />लाक्षगृह में<br />घिरे जीवन भर<br /><br />सत्य को कहती खूबसूरत रचना ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-87772113957212120912012-04-05T22:28:50.808+05:302012-04-05T22:28:50.808+05:30आज की दुनिया का सत्य...
जो दिखते हैं
महामानव ज्ञा...आज की दुनिया का सत्य...<br /><br />जो दिखते हैं<br />महामानव ज्ञानी<br />उनकी लाखों<br />हैं कपट कहानी<br /><br />बहुत अच्छी और सारगर्भित रचना, बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.com