tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post2951819592049355305..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 954-आओ लें संकल्पसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-58519487928875370672020-02-11T06:33:52.147+05:302020-02-11T06:33:52.147+05:30नारी होने का बोध और उससे जुड़े अनेक प्रश्न उठाती कव...नारी होने का बोध और उससे जुड़े अनेक प्रश्न उठाती कविता है कृष्णा जी |सुन्दर चित्रण किया है मन भाव का बधाई हो |सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-74796916940718324852020-02-10T21:31:13.503+05:302020-02-10T21:31:13.503+05:30संस्कारों के सही विभाजक होते तो
लुटती न खुले आम तु...संस्कारों के सही विभाजक होते तो<br />लुटती न खुले आम तुम्हारे घरों की इज़्ज़त<br />यह कैसी बेरुख़ी है<br />क्यों नहीं बाँट पाते समादर संतान को<br />bahut sunder<br />badhayi<br />rachanaमेरा साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09177331730604295287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-52759114505997373292020-02-10T18:21:43.378+05:302020-02-10T18:21:43.378+05:30बहुत सशक्त रचना ,बधाई कृष्णा जी।बहुत सशक्त रचना ,बधाई कृष्णा जी।dr.surangma yadavhttps://www.blogger.com/profile/02341987635896388089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-72635484520689933842020-02-10T13:21:54.752+05:302020-02-10T13:21:54.752+05:30संसार का दृष्टिकोण ही तो नहीं बदल पाया है, जिससे स...संसार का दृष्टिकोण ही तो नहीं बदल पाया है, जिससे स्त्रियों की स्थिति ऐसी बनी हुई है. बहुत सुन्दर रचना, बधाई कृष्णा जी. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-32389083804161468572020-02-09T23:21:50.690+05:302020-02-09T23:21:50.690+05:30जाने-अनजाने, चाहे-अनचाहे,भेद भाव सदियों से चल रहा ...जाने-अनजाने, चाहे-अनचाहे,भेद भाव सदियों से चल रहा है। हल जानते हुए भी कौन है जो रुकावट बना हुआ है, यह रुकावट बाहरी न होकर, कहीं हमारे अपने मन की ही तो नहीं....ढेर सारे प्रश्नों को उठती और सच को सम्बोधित करती सुंदर अभिव्यक्ति। आपको बधाई कृष्णा जी!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-15731525674232181032020-02-09T15:34:42.751+05:302020-02-09T15:34:42.751+05:30नारी के हृदय की पीड़ा पर सुन्दर तथा भावपूर्ण सृजन.....नारी के हृदय की पीड़ा पर सुन्दर तथा भावपूर्ण सृजन.. हार्दिक बधाई आद.कृष्णा जी!Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76595960741934430682020-02-09T15:10:21.613+05:302020-02-09T15:10:21.613+05:30सच कहा...यही मानसिकता है पुरुष प्रधान समाज की .......सच कहा...यही मानसिकता है पुरुष प्रधान समाज की .... <br />सुंदर सृजन हार्दिक शुभकामनाएँ कृष्णा जी Dr. Purva Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12677408421467945951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-26615198128880566292020-02-09T09:13:54.141+05:302020-02-09T09:13:54.141+05:30सशक्त अभिव्यक्ति की बधाई।सशक्त अभिव्यक्ति की बधाई।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-24645414172833216552020-02-09T09:00:09.574+05:302020-02-09T09:00:09.574+05:30नारी मन की पीड़ा को अभिव्यक्त करती ,सशक्त ,सुंदर भ...नारी मन की पीड़ा को अभिव्यक्त करती ,सशक्त ,सुंदर भावपूर्ण कविता ।बहुत बहुत बधाई कृष्णा जी।Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-68732515271395539782020-02-09T08:31:16.992+05:302020-02-09T08:31:16.992+05:30पुरुषवादी मानसिकता पर प्रश्नचिह्न लगाती और सकारात्...पुरुषवादी मानसिकता पर प्रश्नचिह्न लगाती और सकारात्मक हल की पहल के संकेत देती सशक्त कविता।बधाई कृष्णा वर्मा जी।शिवजी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/11658195805454614870noreply@blogger.com