tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post1720222581022744427..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 1141- मेरी विनती इतनी हैसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-72476132097490548482021-10-16T21:35:10.819+05:302021-10-16T21:35:10.819+05:30मन की कोमल भावनाओं को उकेरती बहुत सुन्दर रचना के ल...मन की कोमल भावनाओं को उकेरती बहुत सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें |प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-47244145082764092852021-10-11T10:53:02.097+05:302021-10-11T10:53:02.097+05:30बहुत भावपूर्ण रचना,सादर नमन।बहुत भावपूर्ण रचना,सादर नमन।Reet Mukatsarihttps://www.blogger.com/profile/01232975641070886883noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-35260965258759958032021-10-09T09:36:15.481+05:302021-10-09T09:36:15.481+05:30बहुत सुंदर सृजन आदरणीय, निष्छल ह्रदय के कोमल भाव!ब...बहुत सुंदर सृजन आदरणीय, निष्छल ह्रदय के कोमल भाव!बहुत बहुत धन्यवादप्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-10317370492464313022021-10-08T11:56:30.762+05:302021-10-08T11:56:30.762+05:30उसका मन है नव कलिका-सा ....
मैं संध्या का सूरज ठहर...उसका मन है नव कलिका-सा ....<br />मैं संध्या का सूरज ठहरा...<br />पीड़ा मेरे हिस्से आए ...<br /> सुन्दर... उत्कृष्ट... भावपूर्ण शब्द <br /><br /><br />बहुत ही भावपूर्ण, प्रेमपूर्ण सुन्दर रचना <br />गुरुवर को नमन <br />सुंदर सृजन के लिए हार्दिक बधाइयाँ Dr. Purva Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12677408421467945951noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-72683706287864955362021-10-07T19:27:53.191+05:302021-10-07T19:27:53.191+05:30एक-एक शब्द निःस्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण है! आदरणीय...एक-एक शब्द निःस्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण है! आदरणीय भैया जी, आपको एवं आपकी लेखनी को नमन!<br /><br />~सादर <br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-4108097643964575782021-10-07T15:48:12.024+05:302021-10-07T15:48:12.024+05:30हृदय से निकली कविता है भाई कामबोज जी। प्रेम की गाग...हृदय से निकली कविता है भाई कामबोज जी। प्रेम की गागर छलकाती कविता है । हार्दिक बधाई स्वीकारें।सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-36815791336945274842021-10-07T04:55:29.015+05:302021-10-07T04:55:29.015+05:30हृदय की गहराइयों से निकली भावों की ऊँचाई की छूती स...हृदय की गहराइयों से निकली भावों की ऊँचाई की छूती सुंदर रचना । Kamlanikhurpa@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/05894933359198383315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-78047530566180629542021-10-06T22:08:41.273+05:302021-10-06T22:08:41.273+05:30अतिशय सुंदर। हार्दिक बधाई आपको।अतिशय सुंदर। हार्दिक बधाई आपको।dr.surangma yadavhttps://www.blogger.com/profile/02341987635896388089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-46360642448052288392021-10-06T21:10:44.303+05:302021-10-06T21:10:44.303+05:30मेरे प्रिय को पीर न देना, बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अ...मेरे प्रिय को पीर न देना, बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति। Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-48539343899092746082021-10-06T20:01:19.077+05:302021-10-06T20:01:19.077+05:30शुद्ध प्रेम की मधुरिम अनुभूति। हार्दिक बधाई आपको। ...शुद्ध प्रेम की मधुरिम अनुभूति। हार्दिक बधाई आपको। <br /> Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-2066778912939200112021-10-06T18:18:07.796+05:302021-10-06T18:18:07.796+05:30बहुत ही सुंदर रचना।
मेरे प्रिय को पीर ना देना
आप...बहुत ही सुंदर रचना। <br />मेरे प्रिय को पीर ना देना <br />आपके सुंदर शब्दों और भावों का क्या कहना <br />nirdesh nidhihttps://www.blogger.com/profile/12047741345596413281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-21599453040315973152021-10-06T17:44:44.100+05:302021-10-06T17:44:44.100+05:30वाह...मेरे प्रिय को पीर न देना..उदात्त प्रेम के को...वाह...मेरे प्रिय को पीर न देना..उदात्त प्रेम के कोमल भावों की सहज अभिव्यक्ति,मन को छह लेने वाला मोहक गीत।आपकी लेखनी को नमन।शिवजी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/11658195805454614870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-28338524558219264672021-10-06T17:32:17.027+05:302021-10-06T17:32:17.027+05:30कितनी समर्पण भाव वाली प्रेम पूर्ण कविता।कितनी समर्पण भाव वाली प्रेम पूर्ण कविता।Dr.Mahima Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/14540457985928616369noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-85035930777139479192021-10-06T14:18:12.869+05:302021-10-06T14:18:12.869+05:30बहुत ही खूबसूरत लय, गहरा प्रभाव छोड़ती कविता लिखी ह...बहुत ही खूबसूरत लय, गहरा प्रभाव छोड़ती कविता लिखी है सर !हार्दिक शुभकामनाएँ ।भीकम सिंहhttps://www.blogger.com/profile/11057141136838753334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-24158540713673893802021-10-06T13:44:11.753+05:302021-10-06T13:44:11.753+05:30पुनीत प्रेम की यह निस्वार्थ कामना कि सभी अभिशाप दु...पुनीत प्रेम की यह निस्वार्थ कामना कि सभी अभिशाप दुख संताप वह स्वयं अपने सर उठा ले, स्नेही जनों के पथ में तो केवल फूल ही फूल बिछे हों, सच्चे हृदय की इस भावना का अभिनंदन, वन्दन 💐🌷<br /><br />इस अनुपम सृजन की हार्दिक बधाई <br /><br />सादर 🙏🏻 Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-87418659777499197012021-10-06T13:43:53.908+05:302021-10-06T13:43:53.908+05:30बहुत ही प्यारी कविता गुरु जी।बहुत अच्छा लगा पढ़ के...बहुत ही प्यारी कविता गुरु जी।बहुत अच्छा लगा पढ़ के।पूनम सैनीhttps://www.blogger.com/profile/13289294170222748976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-86402675315477045542021-10-06T13:20:20.431+05:302021-10-06T13:20:20.431+05:30मैं संध्या का सूरज ठहरा....अति सुंदर रूपक। पावन सम...मैं संध्या का सूरज ठहरा....अति सुंदर रूपक। पावन समर्पण का भाव लिए बहुत ही उत्कृष्ट रचना।<br /><br />आप कर्मयोद्धा हैं भैया। कर्म कभी बूढ़ा नहीं होता।<br />नमन आपको 🙏Sushila Sheel Ranahttps://www.blogger.com/profile/05664454784001469291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-55449178474477430152021-10-06T12:21:29.559+05:302021-10-06T12:21:29.559+05:30उसका मन है नव कलिका सा
अन्तर्मन तुम चीर न देना।
व...उसका मन है नव कलिका सा<br />अन्तर्मन तुम चीर न देना।<br /><br />वाह!<br /><br />बहुत सुन्दर व भावपूर्ण रचना पढ़वाने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय भैयाजी।<br />Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-46075787623587266762021-10-06T12:19:01.779+05:302021-10-06T12:19:01.779+05:30कितना सुंदर लिखा है भैयाकितना सुंदर लिखा है भैयाUpmahttps://www.blogger.com/profile/05528958838533434438noreply@blogger.com